शिक्षा - रोज़गार

पिता ऑटो चालक माँ मजदूर बेटा बना आईएएस

नई दिल्ली: अक्सर कहा जाता है कि अगर आपके इरादे पक्के हों तो आप कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं और कोई भी मुश्किल आपके रास्ते को रोड़ा नहीं बनेगी. महाराष्ट्र के जालना के रहने वाले अंसार अहमद शेख ने इसे सही साबित किया और जिंदगी में कई बड़ी मुश्किलों को हराते हुए आईएएस अफसर बने. अंसार अहमद शेख ने सिर्फ 21 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा में 371वीं रैंक हासिल की.

अंसार अहमद शेख महाराष्ट्र के जालना जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी. अंसार के परिवार के हालात इतने खराब थे कि पढ़ाई छोड़ने की भी नौबत आ गई थी. अंसार बताते हैं कि रिश्तेदारों और उनके पिता ने उनसे पढ़ाई छोड़ने को कहा था.
अंसार अहमद शेख ने बताया, ‘अब्बा ने पढ़ाई छोड़ने को कहा था और इसके लिए वह मेरे स्कूल पहुंच गए थे, लेकिन मेरे टीचर ने उन्हें समझाया और बताया कि मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूं. इसके बाद किसी तरह दसवीं की.’ इसके बाद जब उन्होंने 12वीं में 91 प्रतिशत नंबर हासिल किया तब घरवालों ने फिर कभी पढ़ाई के लिए नहीं रोका.

अंसार अहमद शेख ने बताया कि उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे और उनकी मां खेतों में मजदूरी करती थीं. अंसार ने बताया था, ‘पापा हर रोज सिर्फ सौ से डेढ़ सौ रुपये तक कमाते थे, जिसमें उनके पूरे परिवार का खर्च चलाना काफी मुश्किल होता था और ऐसे में उनके पिता पढ़ाई के लिए पैसे नहीं दे पाते थे.

12वीं पास करने के बाद अंसार अहमद शेख ने पुणे के फर्गुसन कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया और फिर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू का फैसला किया, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसलिए उन्होंने पैसे जुटाने के लिए होटल में वेटर का काम किया. अंसार अहमद शेख बताया था, ‘पैसों के लिए मैंने होटल में वेटर का काम किया. यहां लोगों को पानी सर्व करने से लेकर मैं फर्श पर पोछा तक लगाता था.’

अंसार अहमद शेख की कड़ी मेहनत और संघर्ष के सामने मुसीबतों ने हार मान लिया और साल 2015 में अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली. अंसार ने ऑल इंडिया में 371वीं रैंक हासिल की और आईएएस के लिए चुने गए.

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