पांचवें दिन मिला लापता बालक का शव
सोनभद्र। सीमावर्ती मध्यप्रदेश के सिगरौली जनपद के गढ़वा थाने में पनवार घाट पर 10 जनवरी को सोन नद में डूबी नाव से लापता आठ वर्षीय बालक का शव पांचवें दिन मिला। बालक का शव घटनास्थल के पास ही गुरुवार सुबह आठ बजे मिला। जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह गढ़वा थानांतर्गत नौडिहवा चौकी प्रभारी अभिनव सिंह मातहत सिपाही संजीत यादव एवं राजकुमार द्विवेदी के साथ पनवार घाट से नाव द्वारा केवटली घाट जा रहे थे। तभी लापता बालक का शव दिखाई दिया। लापता छोटू पुत्र कैलाश जायसवाल का शव मिलने के बाद खोजबीन अभियान बंद कर दिया गया है। शव मिलने के बाद एमपी एसडीइआरएफ की टीम वापस चली गई है। उधर प्रशासन ने भी शव मिलने के बाद राहत की सांस ली है। उक्त बालक का शव नहीं मिलने के कारण बुधवार को खोज का दायरा घटनास्थल से 50 किलोमीटर दूर सोनभद्र के चोपन तक बढ़ा दिया गया था। एसडीइआरएफ और गढ़वा पुलिस ने बुधवार को चोपन, सिदुरिया, मीतापुर, गोठानी, अगोरी, बडग़वां, सेमिया, घोरिया, गुरदह, शिल्पी, कोरट, कुडारी सहित दर्जनों जगहों पर लापता बालक की खोजबीन की थी। इससे पहले मंगलवार को घटनास्थल से 13 किलोमीटर आगे सोनभद्र सीमा के पास पिपरझर में सोनभद्र के बेलगढ़ी निवासी 12 वर्षीय कन्हैया का शव और घटनास्थल से 14 किमी दूर गढ़वा थानांतर्गत देवरा में लापता महिला सिगरौली की घोघवा निवासी अंजना पत्नी राजेश केवट (25) का शव मिला था। दरअसल रविवार दोपहर करीब दो बजे गढ़वा थाना अंतर्गत छह लोग नाव से पनवार घाट से केवटली घाट जा रहे थे। नाव में तेजी से पानी भरने के कारण नाव नद में डूब गई थी। माना जा रहा है कि आठ वर्षीय बालक छोटू का शव बालू के नीचे दबे होने के कारण उसे खोजने में पांच दिन का समय लगा। बालू बाहुल्य नद होने के कारण नद का तल परिवर्तित होता रहता है। दबे शव से बालू हटने के बाद शव गुरुवार को पानी के ऊपर आ गया। बालू वाले तल के लगातार परिवर्तित के कारण सोन नद काफी खतरनाक हो जाती है।