परिवारवाद बन रहा भाजपा की बड़ी चुनौती !!
भाजपा के शीर्ष नेता इस बात को लेकर परेशान हैं कि यदि दिग्गज नेताओं के परिवारजन को टिकट दिया गया तो सामान्य कार्यकर्ता का हक मारा जाएगा और उनमें गलत संदेश जाएगा। वहीं, विपक्षी दलों को आरोप लगाने का अवसर मिल जाएगा। भाजपा जिस परिवारवाद का विरोध करती रही है, अब वही उसके लिए चुनौती बनती जा रही है। पार्टी के शीर्ष नेता परिवारवाद के आरोप से बचना चाहते है, दिग्गज नेता अपने बेटे, पत्नी को टिकट दिलाकर राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। भाजपा पहले भी नेताओं के बेटे, बेटी और पत्नी को चुनाव लड़ा चुकी है, मगर अबकी बार 75 साल की उम्र पूरी करने वाले नेताओं की संख्या बढ़ने से पार्टी की मशक्कत बढ़ गई है। भाजपा के शीर्ष नेता इस बात को लेकर परेशान हैं कि यदि दिग्गज नेताओं के परिवारजन को टिकट दिया गया तो सामान्य कार्यकर्ता का हक मारा जाएगा और उनमें गलत संदेश जाएगा। वहीं, विपक्षी दलों को आरोप लगाने का अवसर मिल जाएगा।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र बेटे अमित मिश्रा के लिए देवरिया से टिकट मांग रहे है। बीते दिनों लखनऊ में वे ब्राह्मण समाज के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। दिल्ली में चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से भी मुलाकात की थी। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के बेटे रामविलास चौहान मऊ की मधुबन सीट से टिकट मांग रहे हैं। मधुबन से विधायक रहे दारा सिंह चौहान के भाजपा से इस्तीफा देने के बाद रामविलास का रास्ता साफ नजर आ रहा है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह गौतमबुद्धनगर से विधायक है। वे इसी सीट से दावेदारी जता रहे हैं, जबकि राजनाथ के छोटे बेटे नीरज सिंह लखनऊ कैंट या लखनऊ उत्तरी से दावेदारी जता रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित अपने बेटे दिलीप दीक्षित के लिए उन्नाव की पुरवा सीट से टिकट की मांग कर रहे है। पुरवा से अभी अनिल सिंह विधायक है। अनिल सिंह ने 2018 में हुए राज्यसभा चुनाव में बसपा से बगावत कर भाजपा उम्मीदवार को वोट किया था। तब से अनिल सिंह को भाजपा में माना जाता है।
केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी मलिहाबाद से विधायक हैं। इस बार कौशल किशोर अपने बेटे विकास किशोर को महिलाबाद और दूसरे बेटे प्रभात किशोर को सीतापुर की सिधौली सीट से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल पत्नी के लिए टूंडला से टिकट मांग रहे हैं। बघेल स्वयं टूंडला से विधायक रहे हैं। सूर्य प्रताप शाही अपने ब्लॉक प्रमुख बेटे सुब्रत शाही के लिए खुद की सीट पथरदेवा छोड़ने को तैयार हैं। शाही का प्रयास है कि बेटे को पथरदेवा से टिकट मिल जाए और पार्टी उन्हें देवरिया सदर से चुनाव लड़ा दे।
कानपुर नगर के सांसद सत्यदेव पचौरी अपने बेटेअनूप पचौरी के लिए कानपुर नगर की गोविंद नगर सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं। योगी सरकार में वित्त मंत्री रहे राजेश अग्रवाल को 75 वर्ष की आयु पूरी करने के कारण मंत्री पद से हटाया गया था। भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नियुक्त किया। वे बरेली कैंट से अपने बेटे आशीष अग्रवाल के लिए टिकट मांग रहे हैं। प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी भी लखनऊ कैंट से टिकट मांग रहे हैं। सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा भी 76 वर्ष के हो गए हैं। वर्मा ने पहले तो खुद की दावेदारी जताई है, लेकिन यदि पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वे अपने बेटे गौरव वर्मा के लिए कैसरगंज से टिकट चाह रहे हैं।
पहले भी परिवार के सदस्यों को टिकट दे चुकी है भाजपा – भाजपा ने 2017 के चुनाव में सांसद राजबीर सिंह के बेटे संदीप सिंह विधायक बने। स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य चुनाव हार गए, लेकिन 2019 में उनकी बेटी संघमित्रा मौर्या बदायूं से सांसद बनीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह नोएडा से विधायक चुने गए।