पत्रकार की जबरन गिरफ़्तारी पर यूरोपीय संघ बेलारूस से नाराज

बर्लिन: जर्मनी समेत पूरा यूरोपीय संघ बेलारूस द्वारा की गई एक जर्नलिस्ट की जबरन गिरफ्तारी से काफी खफा है। इसको लेकर यूरोपीय संघ ने बेलारूस से सफाई तक मांगी है। उन्हें उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वो विमान से ग्रीस से लिथुआनिया जा रहे थे। इस दौरान उनके विमान को जबरन बेलारूस के मिंस्क में उतारा गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया। स्थानीय मीडिया में कहा जा रहा है कि ये कार्रवाई बेलारूस के राष्ट्रपति के आदेश के बाद की गई है।
आपको बता दें कि 26 वर्षीय रमान दिमित्रियेविच प्रोतासेविच एक पॉलिटिकल एक्टीविस्ट हैं। वे पत्रकार के तौर पर काम करते हैं और बेलारूस के राष्ट्रपति आलेक्जांडर लुकाशेंको के आलोचक हैं। उन्होंने राष्ट्रपति का विरोध करने के लिए एक सोशल नेटवर्किंग ग्रुप भी बनाया था जिसको 2012 में हैक कर लिया गया था। बनाया था जिसे 2012 में अधिकारियों ने हैक कर लिया. 2012 में उन्होंने बेलारूसियन स्टेट यूनिवर्सिटी के जर्नलिज्म डिपार्टमेंट में एडमिशन लिया था। लेकिन यूनिवर्सिटी ने उन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने निष्कासित कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने उन्हें तमाम अपराधों से बरी कर दिया था। 2017 में भी उनके ऊपर अनधिकृत आयोजन का आरोप लगा था। 2019 से उन्होंने यूरोरेडियो के लिए बतौर फोटोग्राफर काम किया और इसी दौरान वो पोलैंड चले गए। जनवरी 2020 में पोलैंड से राजनीतिक शरण मांगी थीा। वो अपने साथी के साथ मिलकर नेक्स्टा नाम का एक ब्लॉग चलाते हैं।
जर्मन विदेश मंत्रालय ने यहां तक कहा है कि इस कदम के लिए बेलारूस को नतीजे भुगतने होंगे। जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने कहा कि बम होने का बहाना बनाकर पहले तो प्रोतासेविच के विमान को जबरन रोका गया फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हाइको के मुताबिक यूरोप में नागरिक विमान की आवाजाही में ये एक गंभीर कदम है। बेलारूस के इस कदम के खिलाफ जर्मन विदेश मंत्रालय ने ट्वीट भी किया है जिसमें कहा गया है कि जर्मनी इस मामले में सफाई चाहता है। वहीं फ्रांस ने भी बेलारूस के इस कदम को अस्वीकार्य बताया है। फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-इवेस ला ड्रियन ने विमान को जबरन रोके जाने को विमान का अपहरण करार दिया है। उनका कहना है कि यूरोप को इस कदम का कड़ा जवाब देना चाहिए।
यूरोप के अलावा अमेरिका ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटी ब्लिंकेन ने प्रोतासेविच को तुरंत रिहा करने की मांग करते हुए बेलारूस के कदम को एक खौफनाक कार्रवाई बताया है। आपको बता दें कि जिस विमान में प्रोतासविच सवार थे वो ग्रीस से लिथुआनिया जा रहा था। ग्रीस और लिथुआनिया ने भी बेलारूस के इस कदम को कड़े शब्दों में निंदा की है। ग्रीस के प्रधानमंत्री कीरियाकोस मित्सोताकिस ने सभी यात्रियों को तुरंत रिहा करने की मांग की है। उन्होंने ये भी कहा है कि इसको लेकर बेलारूस पर दबाव बनाया जाना चाहिए। लिथुआनिया के राष्ट्रपति गितानास नौसेदा ने ये सबकुछ बेलारूस ने जानबूझकर किया है। उन्होंने भी तुरंत प्रोतासेविच की रिहाई की मांग की है। उन्होंने इसमें नाटो से भी दखल देने की मांग की है।