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पंजाब में 300 यूनिट मुफ्त बिजली ( free electricity ) देने का आप का वादा फिलहाल ठंडे बस्ते में

चंडीगढ़: पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान जनता को आम आदमी पार्टी द्वारा 300 यूनिट मुफ्त बिजली ( free electricity ) देने का वादा फिलहाल के लिए ठंडे बस्ते में पड़ता नजर आ रहा है. इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों से जो फीडबैक मिला है, उसके मुताबिक भगवंत मान सरकार फिलहाल पंजाब के लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की हालत नहीं है. मान सरकार यदि लोगों से किए गए अपने चुनावी वादे को पूरा करती है तो उसे 5000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा.

पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के अधिकारियों ने आम आदमी पार्टी की सरकार को राय दी है कि बिजली फ्री करने के वादे को गर्मी के मौसम में लागू करने की बजाए मानसून में लागू किया जाना चाहिए. कोयले की कमी के कारण पंजाब में बिजली संकट कभी भी गहरा सकता है. हालांकि मान सरकार से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया कि ‘आप’ मुफ्त बिजली के अपने वादे से पीछे हटने को तैयार नहीं है और वह 73.39 लाख उपभोक्ताओं को किसी भी कीमत पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना चाहती है.

गर्मी में मुफ्त बिजली योजना लागू करना नामुमकिन: PSPCL
आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता मुफ्त बिजली के वादे को परवान चढ़ाने के लिए दृढ़ हैं, लेकिन कर्ज में डूबी पीएसपीसीएल ने संदेश दिया है कि गर्मी का मौसम बीतने के बाद ही इसे स्कीम को लागू किया जाना चाहिए. बढ़ते तापमान के साथ पंजाब में बिजली की खपत पहले ही 8,000 मेगावाट तक पहुंच गई है. अगले एक महीने में गेहूं की कटाई और धान की बुवाई का मौसम शुरू होने के साथ बिजली की मांग 15,000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार पीएसपीसीएल ने भगवंत मान सरकार को इससे अवगत करा दिया है कि अब बिजली के अंधाधुंध प्रयोग से मांग में वृद्धि हो सकती है.

पंजाब के बिजली संयंत्र कर रहे अपनी क्षमता से कम उत्पादन
कोयले की कमी के कारण चार तापीय इकाइयां बंद होने से राज्य में 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन कम हो रहा है. जीवीके थर्मल प्लांट की दो इकाइयां बंद हैं, जबकि मानसा में तलवंडी साबो पावर लिमिटेड की एक इकाई तकनीकी खराबी के कारण बंद है. रोपड़ में गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट की एक इकाई वार्षिक रखरखाव के लिए बंद है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएसपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि बिजली मुफ्त दिए जाने के निर्णय का फिलहाल आकलन करने की जरूरत है. इस तरह की स्कीम को लागू करने के लिए गर्मी का मौसम​ बिल्कुल भी मुफीद समय नहीं है, इसे मानसून के दौरान लागू किया जा सकता है.

सरकारी खजाने पर आएगा 5000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ
मुफ्त बिजली के वादे को लागू करने में नौकरशाही की अनिच्छा के पीछे भारी सब्सिडी बिल है, जिसे राज्य को वहन करना होगा. पंजाब पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पहले से ही चढ़ा है. मुफ्त बिजली योजना लागू करने में राज्य सरकार के खजाने पर 5000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा. वर्तमान में पंजाब कृषि परिवारों को मुफ्त बिजली और सभी अनुसूचित जातियों, पिछड़ी जातियों और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों (2016 में शुरू की गई एक योजना) के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करता है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य का कुल बिजली सब्सिडी बिल 10,668 करोड़ रुपये था. इसमें से 7,180 करोड़ रुपये किसानों को और 1,627 करोड़ रुपये एससी, पिछड़ी जातियों और बीपीएल परिवारों को सब्सिडी के रूप में दिए गए हैं.

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