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पंचायत चुनाव : 84 में से 53 सीटें आरक्षित, जानिए कितनी सीटें ओबीसी

पंचायत चुनाव को लेकर जिला स्तरीय समिति ने काम शुरू कर दिया है। पहले ही दिन पंचायती राज विभाग ने जिला पंचायत सदस्यों की सीटों का आवंटन कर दिया है। कुल 84 में से 53 सीटें सुरक्षित रखी गईं हैं, जबकि शेष 31 सीटें अनारक्षित होंगी। डीडीओ और एडीओ पंचायत को 25 फरवरी तक सूची तैयार करने के लिए कहा गया है।

207 गांवों के नगर निगम सीमा में आने के बाद इस बार जिला पंचायत सदस्य की 8 सीटें कम हो गईं थीं। शेष बची 84 सीटों पर शनिवार को आरक्षण जारी कर दिया गया है। डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि 11 फरवरी को शासन ने आरक्षण के लिए जो गाइड लाइन तैयार की है, उसके अनुसार इस बार छह सीटें अनुसूचित जाति महिला, 11 सीटें अनुसूचित जाति, आठ सीटें पिछड़ा वर्ग महिला, 14 सीटें पिछड़ा वर्ग, महिला के लिए 14 सीटें रखी गईं हैं। शेष 31 सीटें अनारक्षित रहेंगी। प्रक्रिया शुरू हो गई है। शेष सीटों का जिला स्तरीय आरक्षण भी जल्द ही जारी होगा। शेष सीटों पर आरक्षण की प्रक्रिया भी जल्द ही तेज कर दी जाएगी। 25 फरवरी तक सूचना आने के बाद एक मार्च तक अनंतिम सूची तैयार करा ली जाएगी। जिसका प्रकाशन दो फरवरी को होगा।

आरक्षण प्रक्रिया में होगी पारदर्शिता : डीएम  

सहारनपुर में डीएम अखिलेश सिंह ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत समान्य निर्वाचन के लिए ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत प्रमुख और सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्यों के पदों पर आरक्षण और आवंटन की प्रक्रिया निर्धारित शासनादेशों के अनुरूप होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन के आदेशों का पालन सुनिशिचत किया जाए। आरक्षण प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरतते हुए निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्रवाई को पूरा किया जाए। कलक्ट्रेट सभागार में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन के तहत प्रशिक्षण कार्यशाला में डीएम अखिलेश सिंह ने कहा कि कहा कि सभी पदों पर सर्वप्रथम महिला के लिए पद आरक्षित किया जायेगा। इसके बाद पुरूष पद आरक्षण किया जायेगा। ग्राम प्रधान के पदों पर अनूसूचित जाति, अन्य पिछडा वर्ग आरक्षण श्रेणी में आरक्षण जनसंख्या के प्रतिशत का क्रम तैयार कर किया जायेगा। महिला के लिए आरक्षण जनसंख्या के अवरोही क्रम में किया जायेगा।

डीएम ने कहा कि शासनादेश के अनुसार आरक्षण की कार्रवाई में विगत पांच योजनाओं (वर्ष 1995, 2000, 2005, 2010 एंव 2015) का संज्ञान लिया जायेगा। यदि कोई पद अथवा स्थान विगत पांच योजनाओ में आरक्षित किया जा चुका है तो वह पुनः उक्त श्रेणी में आरक्षित नही किया जायेगा। यदि उक्त प्रकार से आवंटन के पश्चात भी पद शेष रह जाते है तो द्धितीय चक्र प्रारम्भ किया जायेगा। जिसमें विगत योजना वर्ष 2015 में आरक्षण की स्थिति को संज्ञान में लिया जायेगा और जिस श्रेणी का आरक्षण निर्धारण करना है। वह 2015 में उस श्रेणी में आरक्षित न हो तो आरक्षण दे दिया जाएगा। कार्यशाला में सीडीओ प्रणय सिंह, एसडीएम, डीपीआरओ आदि मौजूद रहे।

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