पंचायत चुनाव : तो क्या बदल जाएगी बस्ती जिले में आरक्षण लिस्ट
पहले पायदान पर अपने मनमुताबिक सीट का आरक्षण होने पर लोगों ने चुनावी तैयारी शुरू कर दिया तो जिसके पक्ष में सीट की गोटी नहीं बैठी है, उन्होंने आरक्षण को लेकर आपत्तियां दाखिल किया है। आपत्तियों को प्राप्त करने के लिए विकास भवन के प्रथम तल पर तीन काउन्टर बनाए गए हैं। डीएम, एडीएम व सीडीओ को सीधे तथा डॉक से भी आपत्ति भेजी जा रही है। पहले दिन विकास भवन के काउन्टर पर 78 तथा अन्य माध्यम से 43 आपत्तियों को दाखिल किया गया है।
विकास भवन में बने काउन्टर पर जिला पंचायत सदस्य पद के लिए बनाए गए वार्ड आरक्षण को लेकर 09 आपत्तियां दाखिल की गई हैं। ग्राम प्रधान पद के लिए सर्वाधिक 61 आपत्ति काउन्टर पर दी गई तो बीडीसी के लिए केवल आठ लोगों ने आवेदन पत्र दिया है। इसके अतिरिक्त डीएम, एडीएम सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को सीधे तौर भी आपत्ति दी गई है। आपत्तियों में सदर ब्लॉक के भदेश्वरनाथ की सीट को अनारक्षित किया गया है। आपत्ति है कि यहां पर एक भी सामान्य परिवार नहीं है। प्रशासन ने यहां पर 14 परिवारों को सामान्य माना है, जो कसौधन जाति के हैं। कसौधन जाति के लोग स्वयं को सामान्य न मानते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग का मानते हैं और प्रमाण पत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी तरह सूसीपार, सोनबरसा सहित अन्य गांवों के लिए भी आपत्ति दी गई है।
जिला पंचायत के वार्ड नंबर 42 सांऊघाट द्वितीय के लिए राजेश पाल ने चौधरी ने आपत्ति दाखिल किया। उनका कहना है कि पिछले 2015 में हुए आरक्षण चार्ट को ध्यान में न रखते हुए नए सिरे 2021 में आरक्षण चार्ट तैयार कर दिया गया। इस कारण सीट का आरक्षण ही बदल गया। बस्ती सदर, सल्टौआ गोपालपुर, बहादुपुर द्वितीय, कप्तानगंज द्वितीय की सीट पिछले चुनाव में अनारक्षित थी और इस बार भी अनारक्षित ही है। इस बाबत डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने कहा कि आरक्षण सूची के सापेक्ष आठ मार्च तक आपत्ति मांगी गई है। आपत्तियों पर जिला स्तरीय समिति विचार करेगी। यदि आपत्ति सही पाई जाती है तो उसी स्वीकार कर संशोधन किया जाएगा।