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नौसेना के पूर्व और वर्तमान अधिकारियों के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी का आरोप, जाने पूरी खबर

नई दिल्ली। नौसेना के पूर्व और वर्तमान अधिकारियों के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी की सीबीआई जांच से पता चलता है कि भारतीय नौसेना का अनुबंध हासिल करने के लिए यूक्रेन और रूस की कंपनियों में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा रहती है। जांच के दौरान दुबई स्थित एक कारोबारी एजेंसी की निगरानी पर आया। इस कारोबारी ने कथित रूप से दुबई से सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी रणदीप सिंह के लिए पैसा भारत तक पहुंचाया था।

रक्षा अनुबंधों के लिए यूक्रेन, रूस की कंपनियों में रहती है प्रतिस्पर्धा

सीबीआई ने पिछले साल सितंबर में उसे गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआइ ने चार से 11 सितंबर के बीच इस कारोबारी से पांच दौर की पूछताछ की थी। 13 सितंबर को उसकी आवाज का नमूना भी लिया था। माना जाता है कि यह कारोबारी यूक्रेन की रक्षा उत्पादक कंपनी स्टेप्स टेक्नो एक्सपर्ट का सहयोगी है।

रिश्वतखोरी मामले की सीबीआई जांच से सामने आई यह जानकारी

कारोबारी ने यूक्रेनी कंपनी के साथ नौसेना अधिकारियों की सूची के अलावा कुछ दस्तावेज साझा किया था, ताकि वह भारतीय पनडुब्बियों के लिए फुटकर उपकरणों और अन्य वस्तुओं के सौदे से रूसी कंपनी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट को बाहर कर सके। सीबीआई को पता चला है कि कारोबारी को यह दस्तावेज कथित रूप से रणदीप सिंह ने उपलब्ध कराया था। अमेरिकी संसद का उच्च सदन सीनेट यूक्रेन पर साइबर अटैक के लिए रूस पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।

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यह प्रस्ताव सीनेट की विदेश मामलों की समिति की ओर से पेश हुआ है। इसमें कहा गया है कि रूस ने जनवरी में यूक्रेन पर तमाम साइबर हमले किए। इनमें से एक हमले में यूक्रेन की 70 प्रतिशत सरकारी वेबसाइटों को हैक कर लिया गया था जिससे सरकार का कामकाज लगभग ठप हो गया था। अमेरिका ने यूक्रेन पर रूसी सेना का हमला होने पर रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है लेकिन ये प्रतिबंध उससे पहले लग सकते हैं।

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