नियमों को ताक पर रखकर बन रहीं इमारतें, प्राधिकरण की चुप्पी संदेहात्मक

अनीता गिरि
हरिद्वार जिले में विकास प्राधिकरण और हाई कोर्ट की सील लगने के बावजूद भी कुछ इमारतों में निर्माण कार्य जोर-शोर से चलने की चर्चा जोरों पर है बेख़ौफ़ बिल्डर अधिकारियों की लापरवाही के कारण नियमों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण कर रहे हैं।
उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में अवैध निर्माण करने वालों के हौसले बुलंद हैं। हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा सील लगाए जाने के बाद भी अवैध निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है। प्राधिकरण के अधिकारियों की अनदेखी ही इन अवैध निर्माणकर्ताओं के दुस्साहस का कारण बनी हुई है।यह अनदेखी है या फिर भेंट पूजा का करिश्मा यह बात चर्चा का विषय है क्यों कि यह हिंदुस्तान है यहां आय से अधिक धन जहाँ पाया जा सकता है वहाँ सरकारों की निगाह ही नहीं जाती जबकि छोटा सा नाम सुना है आपने पटवारी चार अक्षर का नाम यदि आय से अधिक की बात करें तो जनाब पूरे शहर के अमीरों को पछाड़ने की ताकत रखता है फिर यह तो प्राधिकरण है भाई यहाँ लक्षमी जी खुद चल कर आतीं हैं वह भी उल्लू पर बैठ कर!
हालांकि प्राधिकरण के बड़े अधिकारी ऐसे निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की बात भी कह कर अपनी सच्चाई को बयान नहीं करना चाहते कौन चाहता सरे आम बदनामी? जिले में अवैध और अनियोजित भवन निर्माण कार्यों पर रोक लगाने और विकास कार्यों को नियोजित ढंग से कराने के लिए हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था पूरा हरिद्वार जनपद प्राधिकरण के कार्य क्षेत्र में आने के बावजूद जिले में अवैध भवन निर्माण के काम धड़ल्ले से जारी हैं। कुछ बड़ी इमारतें तो ऐसी हैं, जिन्हें अवैध और अनियमित पाते हुए प्राधिकरण और हाई कोर्ट के आदेश पर सील लगा दी जाती है व कब सील हटाने की प्रक्रिया पूर्ण हो जाए यह तो जिम्मेदार अधिकारियों पर निर्भर करता है वे जो चाहे वही होता है साहब सों सब होत है बंदे ते कछु नांय !