अंतराष्ट्रीय

नहीं मिटी तालिबान और पाकिस्तानी आर्मी के बीच की दूरी?

काबुल. अफगानिस्तान की सत्ता पर ताबिलान के कब्जे के बाद पाकिस्तान लगातार उसका समर्थन कर रहा है. हालांकि तालिबान और पाकिस्तान की कोशिशों के बावजूद पाक आर्मी पर तहरीक ए तालिबान का हमला बदस्तूर जारी. शनिवार को पाकिस्तान के बजौर ज़िले के नवगै इलाके में तहरीक ए तालिबान के हमले में पाकिस्तान आर्मी के कई जवान मारे गए और कई घायल हो गए।हालांकि हमले में मारे गए जवानों की संख्या काअब तक पता नही चल पाया है.

अफगानिस्तान के सीनियर काउंटर टेरर एक्सपर्ट अज़मल सोहैल के मुताबिक” टीटीपी ने बजौर के नवगै इलाके में देर रात पाकिस्तान मिलिट्री के पोस्ट पर हमला किया जिसमें पाकिस्तान आर्मी के कई जवान मारे गए और कई घायल हो गए.” दरअसल तहरीक ए तालिबान,पाकिस्तान के कई लड़ाके अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के लिए लड़ रहे थे. अफगानिस्तान पर जब तालिबान का पूरी तरह से कब्ज़ा हो गया तो तालिबान ने तहरीक ए तालिबान के डेप्युटी चीफ मौलवी फ़क़ीर मोहम्मद को काबुल की पुले चर्खी जेल से रिहा कर दिया था.

इस पर पाकिस्तान ने नाराज़गी जताई थी और तालिबान को टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन तालिबान ने टीटीपीको सहयोगी करार देते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करने से साफ इंकार कर दिया था।हालांकि पाकिस्तान आर्मी और टीटीपी के बीच सुलह करवाने के लिए एक कमेटी बनाई थी.

लेकिन जिस तरह से शनिवार को टीटीपी ने पाकिस्तान आर्मी की पोस्ट पर हमला कर उसके कई जवानों को मार गिराया उससे लगता नही कि अफ़ग़ान तालिबान की सुलह की कोशिशों का अब तक कोई नतीजा निकल पाया है. शनिवार की घटना के बाद पाक आर्मी आने वाले दिनों में टीटीपीके खिलाफ बड़ी जवाबी कार्रवाई कर सकती है.

 

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