नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 70 हुई : कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तथा पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है जिसके चलते देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 70 रह गयी है। कोविंद ने सोमवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोडऩे के लिए अनेक ठोस कदम उठाये हैं और इनका असर दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा , सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से आज देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 70 रह गई है।
पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के विकास के लिए प्रतिबद्ध-
पूर्वोत्तर के विकास के लिए सरकार के प्रयासों तथा योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, मेरी सरकार पूर्वोत्तर के सभी राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इन राज्यों में हर स्तर पर बुनियादी और आर्थिक अवसरों का विकास किया जा रहा है। रेल और हवाई कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं का सपना पूर्वोत्तर के लोगों के लिए अब साकार हो रहा है। यह देश के लिए गर्व का विषय है कि पूर्वोत्तर राज्यों की सभी राजधानियाँ मेरी सरकार के प्रयास से अब रेलवे के नक्शे पर आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि ईटानगर के होलोंगी में एक नए एयरपोर्ट की स्थापना की जा रही है। हाल ही में त्रिपुरा राज्य के ‘महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट में एक नया और आधुनिक टर्मिनल खोला गया है। पूर्वोत्तर का यह विकास भारत की विकास यात्रा का एक स्वर्णिम अध्याय सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही 21 जनवरी को मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा की स्थापना के 50 साल पूरे हुए हैं। आज़ादी के 75 साल पूरे होने के साथ इन राज्यों की यात्रा भी हमें विकास के नए संकल्पों के लिए प्रेरित कर रही है।
वस्त्र उद्योग में भारत की क्षमताओं को पुन: मजबूत बना रही है सरकार
राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्वोत्तर में शांति स्थापना के लिए सरकार के प्रयासों को ऐतिहासिक सफलता मिली है। अभी कुछ महीने पहले ही कार्बी-आंगलोंग के दशकों पुराने विवाद को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार, असम की राज्य सरकार एवं कार्बी समूहों के बीच समझौता हुआ है। इससे इस क्षेत्र में शांति और खुशहाली का एक नया अध्याय शुरू हुआ है।