नए साल से अब ट्रेन में मिलेगी डिस्पोजेबल बेडरोल किट, देने होंगे 275 रुपये
चन्दौली ,डीडीयू रेल मंडल के 4 बड़े स्टेशनों से होगी शुरुआतएक डिस्पोजेबल ट्रेवल किट की कीमत 275 रुपये रखी गईकोरोना की वजह से AC कोच से हटा दी गई थी बेडरोल की सुविधा
एक तरफ कोरोना त्रासदी ने 2020 में रेलयात्रियों के सफर को मुश्किल कर दिया है, लेकिन नए साल में रेलवे अपने यात्रियों के लिए एक नई पहल शुरू कर रहा है, जिससे रेल यात्रियों का सफर काफी आरामदायक हो जाएगा.
रेलवे अब अपने यात्रियों के लिए डिस्पोजेबल ट्रेवल बेडरोल किट की सुविधा देने जा रहा है. हालांकि इसके लिए यात्रियों को पैसे भी चुकाने पड़ेंगे, लेकिन रेलवे ने जिस तरह का यह किट तैयार कराया है. वह यात्रियों की सुविधा को और जरूरतों को देखते हुए काफी सस्ता है.
इस डिस्पोजेबल ट्रैवल किट की कीमत ₹275 रखी गई है जिसमें एक कंबल, दो पीस डिस्पोजेबल बेडशीट, एक पिलो, एक हेड कवर, एक जोड़ी हैंड ग्लब्स, एक मास्क, पेपर सोप और सेनेटाइजर शामिल है. डीडीयू रेल मंडल के अधिकारियों के अनुसार इस सुविधा की शुरुआत नए साल के जनवरी महीने में मंडल के चार बड़े स्टेशनों दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, सासाराम, डेहरी आन सोन और गया से की जाएगी.
कोरोना काल में ट्रेन के एसी डिब्बों से परदे हटा लिए गए थे. उसके तुरंत बाद एसी क्लास के यात्रियों को ट्रेन में मिलने वाले बेडरोल की सुविधा भी बंद कर दी गई. जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानी होने लगी. ट्रेन में बेडरोल की सुविधा बंद किए जाने के कारण यात्रियों को खुद से कंबल आदि लेकर चलना पड़ता था.
अब रेलवे की इस शुरुआत के बाद यात्रियों को इस तरह की परेशानी से निजात मिल जाएगी और स्टेशन पर ही उनको डिस्पोजेबल बेडरोल ट्रेवल किट उपलब्ध रहेगा. जिसे यात्री अपनी जरूरत के हिसाब से 275 रुपये में खरीद सकेंगे.
इस संदर्भ में डीडीयू रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) रूपेश कुमार ने बताया कि कोविड के चलते पैसेंजर को काफी दिक्कत हो रही थी तो रेलवे बोर्ड की गाइडलाइंस के तहत हम लोगों ने ट्रैवलिंग पैसेंजर के लिए एक फुल बेड की व्यवस्था की है. इसमें कंबल बेडशीट, पिलो, हैंड सेनिटाइजर, पेपर नैपकिन, पेपर शॉप और हैंड ग्लव्स जैसी चीजें शामिल हैं. इसकी कीमत 275 रुपये रखी गई है और कोई भी यात्री इसे खरीद सकता है.
उन्होंने कहा कि सर्दी के दिनों में यह काफी उपयोगी भी साबित होगा. उम्मीद है कि जनवरी से यह शुरू हो जाएगा. पहले चरण में मंडल के चार बड़े रेलवे स्टेशनों से इसकी शुरुआत की जाएगी.