धीमी हुई ट्रेनों की रफ्तार

रामगढ़. झारखंड के हजारों रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर है. भारतीय रेल ने धनबाद रेल मंडल में चलने वाली यात्री ट्रेनों की रफ्तार को कम करने का फैसला किया है. अब इस रूट पर पैसेंजर ट्रेनें महज 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. ट्रेनों की गति पर यह लगाम रात से सुबह 5 बजे तक के लिए लगाया गया है. दरअसल, इनामी नक्सली प्रशांत बोस और उसकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों ने झारखंड के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीन दिन के बंद का ऐलान किया है. इसे देखते हुए भारतीय रेल ने धनबाद रेल मंडल के नक्सल प्रभावित रेल खंड पर ट्रेनों की गति सीमा तय कर दी है. बता दें कि पिछले दिनों नक्सलियों ने बंदी के दौरान लातेहार में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया था.
नक्सलियों के 23 से 25 नवंबर तक भारत बंद का ऐलान किया है. इसके मद्देनजर धनबाद रेल मंडल के नक्सल प्रभावित रूटों पर रात से सुबह 5 बजे तक ट्रेनों की गति को कम करने का आदेश दिया गया है. इन रूटों पर 25 नवंबर की सुबह तक यात्री ट्रेनें अधिकतम 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलेंगी. माओवादी बंदी को लेकर आरपीएफ और स्टेशन मास्टर को अलर्ट रहने को कहा गया है. साथ ही प्रभावित रेल मार्गों पर रेलवे ट्रैक की पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है. खासकर पुल- पुलिया और आरपीएफ पोस्ट की विशेष निगरानी का निर्देश दि गया है. बंदी को लेकर पटरियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नक्सलियों ने झारखंड में नक्सली प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उसकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के विरोध में भारत बंद का ऐलान किया है.
धनबाद रेल मंडल ने नक्सली बंद को लेकर 25 नवंबर की सुबह 5 बजे तक ट्रेनों की रफ्तार कम रखने का निर्देश जारी किया है. रेल मंडल के नक्सल प्रभावित रेल मार्गों पर अब ट्रेनों की अधिकतम गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई है. सीआईसी रेलखंड के डुमरी बिहार से जागेश्वर बिहार और राय से बरवाडी तक, जीसी रूट पर तेतुलमारी से भोलीडी निमियाघाट से चौधरी बांध और गझंडी से पहाड़पुर तक देर रात से अहले सुबह तक ट्रेनें धीमी रफ्तार से चलेंगी. रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है.
नक्सलियों ने पिछले बंदी में धनबाद रेल मंडल के लातेहार-टोरी रेलखंड के रिचुघुटा और डेमू स्टेशनों के बीच अप-डाउन रेल लाइन को ब्लास्ट कर उड़ा दिया था. इसके कारण लाइट डीजल इंजन डिरेल हो गया था. नक्सलियों ने इस घटना को 19-20 नवंबर की देर रात को अंजाम दिया था. इसके बाद इस रूट पर ट्रेनों के आवागमन पर प्रभाव पड़ा था. कई ट्रेनों के मार्ग को परिवर्तित कर दिया गया था. धनबाद रेल मंडल का सीआईसी रेलखंड नक्सल प्रभावित रूटों में अति संवेदनशील रूट माना जाता है. नक्सली इस रूट पर कई बार पूर्व में भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं.