देश में चौथा प्रदूषित नगर रहा, प्रदूषण के कारण यमुना में मरी मछलियां – वृंदावन

श्रीबांकेबिहारी की नगरी वृंदावन इन दिनों दमघोंटू प्रदूषण की चपेट में है। लाखों की संख्या में हर रोज आ रहे श्रद्धालुओं के लिए भी यह बड़ा संकट है। शुक्रवार को लोगों ने जब आंखें खोली तो सवेरे से ही वातावरण में धुंध छाई मिली और आंखों में जलन की भी शिकायत मिली। ताज ट्रिपेजियम जोन में दिवाली के बाद से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। देश के प्रदूषित शहरों में दिल्ली के साथ वृंदावन चौथे नंबर पर रहा, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 471 दर्ज किया गया। वृंदावन की आबोहवा में ही नहीं यमुना के जल में भी प्रदूषण बढ़ा है। प्रदूषित हो रही यमुना में जहरीले पानी के चलते शुक्रवार को बिहारघाट पर सैकड़ों मछलियां मर गईं। सुबह परिक्रमार्थी जब यमुना स्नान के लिए पहुंचे तो इसका पता चला। यमुना किनारे परिक्रमार्थियों का उमड़े हुजूम ने मृत मछलियों को देखकर यमुना का आचमन तक नहीं लिया। इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुईं। महेश बघेल, सियाराम सैनी का कहना है कि यमुना में बढ़ते प्रदूषण के चलते पानी जहरीला हो रहा है। इसी के चलते मछलियों ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ रहीं हैं। वृंदावन के बढ़ते प्रदूषण का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। नगर निगम प्रशासन कुछ स्थानों पर पानी का छिड़काव भी करा रहा है लेकिन उससे कुछ होनहीं रहा। एक्यूआई 500 के आसपास है, जो सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक है। नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि सड़क पर पानी का छिड़काव लगातार कराया जा रहा है। रात के वक्त टीम उन स्थानों पर निगरानी रख रही है, जहां पर कूड़ा जलाने की शिकायतें मिल रही हैं।
– प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत, गले में खरास की शिकायतें आ रही हैं। उन्हें ज्यादा सावधानी बरतनी है।
– जो लोग सवेरे और शाम को टहलने जाते हैं, बीमार लोग घर में ही रहें और जो निकल रहे हैं, अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनें।
– घर की खिड़कियों को बंद रखना ही बेहतर रहेगा, घर में प्रदूषण को कम करने वाले उपकरणों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
– अगर बागवानी का शौक हो तो घर के अंदर व बाहर पौधे लगाएं, प्रदूषण कम करने में मदद करेंगे।
– अगर किसी व्यक्ति को कोई घाव है तो उसे खुला न छोड़ें, पट्टी बांधकर रखें।
– तेज हवाएं चलने पर ही प्रदूषण कम हो सकता है, क्योंकि जहरीले धूल के कण वातावरण में काफी ऊंचाई तक फैल चुके हैं।
डॉ. पीयूष चतुर्वेदी, मेडिकल ऑफिसर संयुक्त जिला अस्पताल