देश नरेंद्र मोदी आज करेंगे ‘विश्राम सदन’ का उद्घाटन, मरीजों को मिलेंगी ये सुविधाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के झज्जर परिसर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) में इंफोसिस फाउंडेशन विश्राम सदन का उद्घाटन करेंगे. इंफोसिस फाउंडेशन ने निगमित सामाजिक दायित्व पहल के तहत 806 बिस्तरों वाले विश्राम सदन का निर्माण किया है. पीएमओ ने एक बयान में कहा कि इसका उद्देश्य कैंसर रोगियों के तीमारदारों को वातानुकूलित आवास प्रदान करना है, जिन्हें अक्सर लंबे समय के लिए अस्पतालों में रहना पड़ता है. लगभग 93 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया यह सदन अस्पताल और एनसीआई के ओपीडी ब्लॉक के करीब स्थित है.पीएमओ ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी.
इन परियोजनाओं का उद्घाटन – कुशीनगर भगवान गौतमबुद्ध का महापरिनिर्वाण स्थल और बौद्ध समुदाय के लोगों का एक अहम तीर्थ स्थल है. करीब 260 करोड़ रुपये की लागत से यहां बने हवाई अड्डे का निर्माण बौद्ध धर्मस्थल को दुनिया भर से जोड़ने के मकसद से किया गया है. हवाई अड्डे के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि कुशीनगर का विकास उत्तर प्रदेश सरकार तथा केंद्र सरकार के लिए उच्च प्राथमिकताओं में से एक है. वहीं इससे पहले पीएम मोदी ने बुधवार को सरकार की बौद्ध सर्किट पर्यटन पहल को मजबूती प्रदान करते हुए उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया और कहा कि देश के विमानन क्षेत्र में नयी ऊर्जा भरने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.इसके अलावा उन्होंने करीब 181 करोड़ रुपए की 12 विकास परियोजनाओं का भी शिलान्यास व लोकार्पण किया. इन परियोजनाओं में गंडक नदी पर बाढ़ सुरक्षा की आठ परियोजनाएं, स्वदेश दर्शन योजना में बौद्ध सर्किट योजनांतर्गत पर्यटन विकास, राजकीय महाविद्यालय सुकरौली का निर्माण, नवीन संकेत मूक बधिर राजकीय बालिका आवासीय विद्यालय का निर्माण, कसया-रामकोला व रामपुर खुर्द, कोटवा, घुघली मार्ग का चौड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण का कार्य शामिल है.प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी में कर्मयोगियों की सरकार है. इसका सबसे ज्यादा लाभ माताओं-बहनों को हुआ है. जो नए घर बने उनमें अधिकांश की रजिस्ट्री बहनों के नाम हुई. शौचालय इच्जत घर बने तो सुविधा के साथ गरिमा की भी रक्षा हुई.