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चालकों को समझना चाहिए सुरक्षा का महत्व !!

बारां – राज्य सरकार व जिला पुलिस हेडक्वार्टर के निर्देशानुसार शहर के ऑटो लोडिंग ऑटो जीप टैक्सी एवं ट्रक ड्राइवर की कार्यशाला आयोजित कर सड़क दुर्घटनाओं में रोकथाम व कमी लाने के उद्देश्य से जानकारी प्रदान की गई। इसमें अधिकारियों ने सिलसिलेवार हुई दुर्घटनाओं के ब्यौरे के साथ यातायात नियमों के बारे में भी बताया।कार्यशाला में शहर कोतवाली प्रभारी मांगेलाल यादव, यातायात प्रभारी मान सिंह हाड़ा व आईआरडीए से त्रिदेव सेन उपस्थित रहे।

कोतवाली प्रभारी यादव ने वाहन चालकों को होने वाली दुर्घटनाओं से अवगत करवाते हुए उनके बचाव एवं उपचार के संबंध में आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तेज गति से वाहन दौड़ाने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए। सड़क पर वाहन चलाने के दौरान पहले पहुंचने का भाव ही लापरवाही मेंं बदल जाता है।

जिसने ‘पति के सीने पर बैठकर काटा था गला’…

वर्तमान समय में वाहन दुर्घटना से होने वाली मोते चिंता का सबब बनी हुई है। यदि कोरोना महामारी के दौरान बीते एक साल में राजस्थान में 4 से 5 हजार मौतें हुई होंगी। जबकि एनसीआरबी और एससीआरबी के आंकड़ें बताते हैं कि सड़क दुर्घटना से राजस्थान में हर साल करीब 10 से 15 हजार लोगों की मृत्यु हो जाती है। जिनमें जान गंवाने वाले नवयुवक और परिवार चलाने वाले लोग होते हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं से बचाव को लेकर पूरी सावधानी बरती जानी चाहिए।

हेलमेट लगाएं दुपहिया चालक – कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि भले ही शहर के लोग यहां संकरी गलियों में धीमी गति से वाहन चलने की जानकारी देकर हेलमेट को बोझ बताते हो, लेकिन हेलमेट चालकों के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। सिर की संघातक चोट से कई लोगों की जान गई है। ऐसे में हेलमेट को आदत बनाना चाहिए। वाहन चालकों की आंखों की जांच तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा करवाई गई। कई चालकों को दवा दी गई तो कई चालकों के नम्बर के चश्मे बनवाने की सलाह दी गई।

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