दीना पाठक ने तमाम सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ा था !!

दीना पाठक एक ऐसा नाम, जिसे लेते ही आंखों के सामने दादी-नानी का किरदार निभाती एक्ट्रेस का चेहरा घूम जाता है. सफेद बाल, बोलने का क्यूट अंदाज बरबस ही सबको अपनी तरफ खींच लेता था. अगर आज वह जिंदा होतीं तो अपना 100वां जन्मदिन मना रही होतीं . 4 मार्च 1922 में पैदा हुईं दीना सादा जीवन उच्च विचार के साथ साथ महिला सशक्तिकरण का उदाहरण हैं. कुछ हस्तियां ऐसी होती हैं जो भले ही दुनिया में नहीं होती लेकिन उनका जीवन, उनका काम, संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को काफी कुछ सिखाता है, ऐसी ही थीं दीना पाठक.
60 बरस के फिल्मी करियर में 120 फिल्मों में काम किया – 8 मार्च को पूरी दुनिया महिला दिवस मनाएगी लेकिन दीना जी की पूरी लाइफ ही महिलाओं को सीख देने वाली है. 60 साल तक लगातार फिल्मों-थियेटर में काम करने वाली दीना आखिरी बार फिल्म ‘पिंजर’ में नजर आईं थीं. 120 से अधिक फिल्मों में काम करने वाली दीना ने एक्टिंग के मंच पर तब कदम रखा था जब महिलाओं के लिए अच्छा नहीं माना जाता था, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और गुजराती रंगमंच की कलाकार बन गईं.