दिल्ली में 14 फरवरी से नर्सरी से लेकर आठ तक की कक्षाओं का संचालन शुरू;
दिल्ली में आगामी 14 फरवरी से नर्सरी से लेकर आठ तक की कक्षाओं का संचालन शुरू होना है। इसे लेकर शिक्षा निदेशालय ने कक्षा है कि स्कूल शुरू होने के तुरंत बाद छात्रों को पढ़ाई के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि शुरुआती दो सप्ताह उनके लिए पढ़ाई का बेहतर माहौल तैयार करना है। स्कूल खुलने के अगले दो सप्ताह में क्या करना है इसे लेकर निदेशालय ने परिपत्र जारी किया है।
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निदेशालय ने कहा है कि स्कूल छात्रों को बुलाने से पहले छात्रों के अभिभावकों से इस बाबत सहमति ले। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि इन कक्षाओं के छात्र लगभग दो वर्षों के बाद स्कूल आ रहे हैं, ऐसे में प्रत्येक के लिए गतिविधियों की योजना बनाने की आवश्यकता है। निदेशालय ने परिपत्र में कहा है कि स्कूल बच्चों को नए वातावरण में समायोजित करने के लिए मदद करें।
शिक्षकों को छात्रों की बेहतरी सुनिश्चित करने, भावनात्मक समर्थन प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए। छात्रों को सहजता महसूस करनाने के लिए उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ने और उनके वर्तमान सीखने के स्तर को समझने की आवश्यकता है। इसलिए छात्रों को स्कूल के वातावरण में जोड़ने और उन्हें सीखने के लिए भावनात्मक और कार्यात्मक रूप से तैयार होने में मदद करने के लिए पहले दो हफ्तों के दौरान कई गतिविधियां की जानी चाहिए।
दो सप्ताह में आयोजित होने वाली गतिविधियां
-शिक्षकों की ओर से हर दिन हैप्पीनेस सत्र का संचालन होगा
-शिक्षक विद्यार्थियों की ओर से पिछले कुछ महीनों में किए गए कार्यों की वर्कशीट तैयार करेंगे। बच्चों को पढ़ाये गए कोर्स को दोहराना और उनको प्रोत्साहित करना।
-कहानी लेखन, कहानी पाठ और विद्यार्थियों के साथ इस सत्र में जुड़ना।
-स्कूलों की ओर से संचालित पठन-पाठन अभियान पहले से ही चल रहा है, जिसमें अध्ययन गतिविधियां जारी रह सकती हैं। छात्रों को उनकी मातृभाषा में कहानियों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
-सभी स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाना चाहिए, जिसके लिए माता-पिता को बच्चों के साथ स्कूल में आमंत्रित किया जाना चाहिए
-मिशन बुनियाद के तहत कक्षा तीन से आठ तक के विद्यार्थियों का मूल्यांकन
विशेष सुझाव
निदेशालय ने कहा है कि छात्रों की वर्तमान साक्षरता और संख्यात्मक स्थिति को जानना महत्वपूर्ण है। इस अंतर को पाटने के लिए उपयुक्त शिक्षण गतिविधियों की योजना बनाई जा सकती है। इसके लिए, रीडिंग असेसमेंट टूल्स के दो सेट-एक, नर्सरी से पांच तक के छात्रों के लिए और दूसरा कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए उपयोग किया जा सकता है। निदेशालय ने कहा कि मूल्यांकन की यह प्रक्रिया शिक्षक के लिए छात्रों के साथ आमने-सामने बातचीत करने का अवसर भी है।