main slideदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़

दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में, दीपावली पर स्थिति ऐसी ही रहने की आशंका

नयी दिल्ली। पंजाब और निकटवर्ती क्षेत्रों में पराली जलाए जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता शनिवार सुबह ”गंभीर  श्रेणी में रही। दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि दीपावली पर भी शहर की वायु गुणवत्ता ”गंभीर  श्रेणी में ही बने रहने की आशंका है। विशेषज्ञों ने बताया कि हालांकि मौसम संबंधी परिस्थितियां प्रदूषकों के बिखराव के लिए थोड़ी अनुकूल हैं, लेकिन वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रहने का मुख्य कारण पंजाब में पराली जलाने की अधिक घटनाएं रहीं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के हवा गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘सफर  ने बताया कि शनिवार सुबह दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 443 रहा। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा , 51 और 100 के बीच संतोषजनक , 101 और 200 के बीच मध्यम , 201 और 300 के बीच खराब , 301 और 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर सुबह नौ बजे 486 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। पीएम 2.5 का स्तर सुबह नौ बजे 292 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। देश में100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पीएम 10 को और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पीएम 2.5 को सुरक्षित माना जाता है।दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि पंजाब में पराली जलाने के अत्यधिक मामले (करीब 4,000) सामने आए। इसके कारण दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में वायु गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है। उसने बताया कि 13 नवंबर को एक्यूआई ‘बहुत खराब  श्रेणी की ऊपरी सीमा और 14 नवंबर (दीपावली) को ‘गंभीर  श्रेणी में रहने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार शुक्रवार को वायु की अधिकतम गति 14 किलोमीटर प्रति घंटा रही और न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मंद गति की हवा और कम तापमान के कारण प्रदूषक जमीन के निकट रहते हैं, लेकिन वायु की अनुकूल गति के कारण उनके बिखराव में मदद मिलती है। आईएमडी के पर्यावरण निगरानी अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने कहा, ”पंजाब में पराली जलाने की अत्यधिक घटनाएं क्षेत्र में वायु गुणवत्ता के गंभीर श्रेणी में रहने का प्राथमिक कारण हैं।  ‘सफर  ने कहा कि दिल्ली में पीएम 2.5 के कारण होने वाले प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी शुक्रवार को 21 प्रतिशत रही। यह बृहस्पतिवार को 42 प्रतिशत रही, जो इस मौसम में सर्वाधिक थी।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button