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थरूर बोले: चुनावी नहीं कूटनीतिक रणनीति बनाएं पीएम, जाने पूरी खबर

नई दिल्ली। थरूर बोले: चुनावी नहीं कूटनीतिक रणनीति बनाएं पीएम, जाने पूरी खबर, रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू करने के बीच विपक्ष ने गुरुवार को सरकार पर हमला बोला। विपक्ष खासकर कांग्रेस ने हमला करते हुए सरकार से पूछा कि बार-बार चेतावनी मिलने के बाद भी सरकार ने यूक्रेन में 20,000 भारतीयों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए समय पर व्यवस्था क्यों नहीं की।

इस दौरान विपक्ष ने कठिन समय पर अपने नागरिकों को वापस लाने में नाकाम रहने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि भारत को इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए और रूस की इस सैन्य कार्रवाई की खुलेआम निंदा करनी चाहिए।

यूक्रेन संघर्षः भारतीयों की निकासी पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हर मुश्किल परिस्थिति में मुंह मोड़ लेना… और चुप रहना मोदी सरकार की आदत हो गई है। यूक्रेन में हमारे 20,000 भारतीय युवा भय, आशंका और जानलेवा स्थितियों से जूझने को मजबूर हैं। इस दौरान पूर्व विदेश राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि उन्हें यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिवारों से संदेश मिल रहे हैं और उन्हें निकालने की जरूरत है। उन्होंने ट्टीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी रणनीति नहीं बल्कि कूटनीतिक रणनीति बनाने की सलाह दी।

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थरूर ने घटनाक्रम के बीच रूस की यात्रा को लेकर पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान की भी आलोचना की और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दिया। 1979 में जब बीजिंग ने वियतनाम पर हमला किया था तब तत्कालीन विदेश मंत्री के रूप में वाजपेयी ने चीन की यात्रा को रद्द कर दिया था। थरूर ने कहा कि अगर इमरान खान का कोई स्वाभिमान है, तो वह वही करेंगे जो वाजपेयी साहब ने किया था। सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि भारतीयों को सुरक्षित लाने के लिए समय पर व्यवस्था क्यों नहीं की गई? क्या यह आत्मनिर्भरश् मिशन है।

सुरजेवाला ने सरकार पर चुनाव को ज्यादा प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी आप सबका ख्याल रखने की बजाय चुनावी रैलियों में व्यस्त हैं… लेकिन हम भारतीय आप सभी की सलामती की दुआ कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने भी सवाल किया कि जब अमेरिका ने अपने नागरिकों को समय पर निकाल लिया तो भारत बार-बार चेतावनी देने के बावजूद ऐसा करने में विफल क्यों रहा। उन्होंने कहा कि यह बहुत खराब रणनीति है। कूटनीतिक पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीट किया कि भारत को स्पष्ट रूप से यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की स्पष्ट शब्दों में निंदा करनी चाहिए।

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तिवारी ने कहा कि हमें रूस के साथ फिर से वही गलती नहीं करनी चाहिए, जो हमने तत्कालीन सोवियत संघ के साथ किया था, जब हमने हंगरी के सोवियत आक्रमण -1956, चेकोस्लोवाकिया -1968, अफगानिस्तान-1979 की निंदा नहीं की थी। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि भारत को रूस-यूक्रेन संघर्ष से सही सबक सीखना चाहिए और रिश्तों में विविधता लानी चाहिए न कि केवल कागज पर सहयोगी सहयोगियों पर निर्भर रहना चाहिए।

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