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तेंदुए से भिड़ गई मां !!

बहराइच –  में खूनी संघर्ष चलता रहा। यह डरावनी दृश्य उस वक्त किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं लग रहा था। आखिरकार मां की दिलेरी से तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया और वह बालिका को तेंदुए के जबड़े से छुड़ा लाई। गंभीर रूप से घायल बालिका को परिवारजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर ले गए, जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। मां की यह दिलेरी पूरे बहराइच में चर्चा का विषय बन गई है। बहराइच वन प्रभाग के नानपारा रेंज का गिरदा गांव जंगल से सटा हुआ है। बुधवार की शाम को छह बजे गांव निवासी राकेश की पुत्री काजल (5) घर में खेल रही थी। तभी जंगल से निकल कर आए तेंदुए ने घर में छलांग लगा दी।

बालिका को तेंदुआ जबड़े में दबोचकर बाहर ले जाने लगा। बालिका की चीख सुनकर दौड़ी मां ने शोर मचाया और तेंदुए से संघर्ष करने लगी। उसने लगातार डंडे से वार करना शुरू किया। यह संघर्ष तकरीबन पांच मिनट चला। इस दौरान मां ने बेटी काजल को छुड़ा लिया।  अन्य परिवारजन को आता देख तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया। तेंदुए के हमले में बालिका गंभीर रूप से घायल हो गई। बालिका के सिर में तेंदुए के पंजे के गहरे जख्म बन गए हैं। बालिका की हालत बहुत गंभीर बनी हुई है। घायल बालिका को सीएचसी नानपारा पहुंचाया गया। यहां हालत गंभीर होने पर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वन क्षेत्राधिकारी राशिद जमील टीम के साथ गांव पहुंच गए हैं। वनकर्मी गांव में गश्त कर रहे हैं।

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डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिली। मौके पर वन कर्मियों को तैनात किया गया है। बालिका के चेहर पर पंजे के निशान ज्याद हैं। इससे मामला तेंदुए के बजाय भेड़िया के हमले की लग रही है। जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को सजग किया गया है। रेंजर राशिद जमील का कहना है कि गांव के लोग बाढ़ का बहाना बनाकर जंगल के किनारे रहते हैं। इनके घरों में दरवाजे नहीं है। ऐसे में हिंसक वन्य जीवों से उनकी रक्षा करने में मुश्किल आ रही है।

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