शिक्षा - रोज़गार

तीसरे साल में आईएएस टॉपर बनीं गुंजन द्विवेदी

 

आईएएस का एग्जाम:आईएएस का एग्जाम दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक हैं. इस परीक्षाओं में हर साल लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं लेकिन सफल चंद किस्मत वालों को ही मिलती है. गुंजन द्विवेदी भी ऐसी ही भाग्यशाली लोगों में से एक हैं, जिन्होंने 2 बार लगातार फेल होने के बावजूद आखिरकार आईएएस बनने का सपना पूरा कर ही लिया.

मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली गुंजन द्विवेदी के घर पर शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई का अच्छा माहौल था. उनके पिता अशोक कुमार धर द्विवेदी रिटायर्ड आईपीएस थे. उनकी बड़ी बहन उमंग द्विवेदी कमर्शल टैक्स अफसर है. इसके चलते उनमें भी अफसर बनने की चाहत बचपन से ही घर कर गई थी.

गुंजन द्विवेदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दौलत राम कॉलेज से वर्ष 2014 में राजनीति शास्त्र से बीए किया. ग्रेजुएशन करने के तुरंत बाद वे आईएएस की तैयारियों में जुट गईं. गुंजन ने अपने घर में बड़े भाई एडवोकेट समन्वय धर द्विवेदी के चैंबर को स्टडी रूम बनाया और वहां पर आईएएस मॉक टेस्ट सॉल्व करने शुरू किए.

गुंजन द्विवेदी ने पहली बार वर्ष 2016 मेंसंघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी. इस परीक्षा में वे प्री-एग्जाम भी क्लियर नहीं कर सकी. इससे उनका दिल टूट गया. उन्होंने अगले साल फिर संघ लोक सेवा आयोगएग्जामदिया. इस बार भी उन्हें नाकामी हाथ लगी और वे प्री-एग्जाम से आगे नहीं बढ़ सकी. लगातार दो साल तक संघ लोक सेवा आयोगके प्री-एग्जाम में फेल होने से उनका हौंसला डगमगाया जरूर लेकिन उन्होंने तैयारियों में कोई कमी नहीं आने दी.

उन्होंने अपनी तैयारियों का नए सिरे से विश्लेषण किया और उन कमियों को दूर करने की कोशिश की, जिनकी वजह से वे प्री-क्लियर नहीं कर पा रही थीं. आखिरकार उनकी मेहनत रंग ले ही आई. उन्होंने लगातार तीसरे साल वर्ष 2018 में संघ लोक सेवा आयोगएग्जाम दिया. उन्होंने न केवल बेहतरीन तरीके से प्री-एग्जाम क्लियर किया बल्कि मेन एग्जाम और इंटरव्यू क्लियर कर मेरिट में भी जगह बना ली. वर्ष 2019 में घोषित हुए परीक्षाफल में वे ऑल इंडिया में 9वें रैंक पर आईं.
परीक्षा की रणनीति के बारे में गुंजन बताती हैं कि सिविल सर्विसेज में कामयाबी के लिए ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देना बेहद जरूरी है. इससे लगातार बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है और प्रैक्टिस भी होती है. पढ़ाई के घंटों के बारे में गुंजन बताती हैं कि कोई जरूरी नहीं कि आप 18-20 घंटे की पढ़ाई करें, पढ़ाई के 5-6 घंटे भी कम नहीं होते अगर आप पूरी एकाग्रता से नियमित पर लगे रहते हैं.

वे बताती हैं कि उन्होंने परीक्षा क्लियर करने के लिए एनसीईआरटी की सारी किताबों को शुरू से आखिर तक कई बार पढ़ा. इसके साथ ही तमिलनाडु की पुस्तकें भी पढ़ीं, जिससे उन्हें आर्ट एंड कल्चर से जुड़े टॉपिक्स पर काफी मदद मिली. इसके साथ ही उन्होंने अपना मोटिवेशनल लेवल ऊंचा रखने के लिए पहले के आईएएस टॉपर्स के इंटरव्यू देखे. गुंजन कहती हैं, मैंने मेघा अरोरा नाम की ऐसी ही आईएएस टॉपर का इंटरव्यू देखा. वह भी लगातार 2 बारसंघ लोक सेवा आयोग एग्जाम पास करने में फेल हो गई थीं लेकिन तीसरे प्रयास में उसने यह मुश्किल परीक्षा पास कर ली.

गुंजन द्विवेदी भगवान हनुमान की परम भक्त हैं. वे लखनऊ के हनुमान मंदिर में शुरू से ही जाती रही हैं. जब वे लगातार दो बार संघ लोक सेवा आयोग का प्री-एग्जाम पास करने में फेल हो गई थीं तो वे हनुमान मंदिर में जाकर सफलता के लिए प्रार्थना करती थीं. वे कहती हैं कि यह बजरंग बली का ही आशीर्वाद है, जो उन्होंने उन्हें पब्लिक की सेवा का यह मौका दिया है.

संघ लोक सेवा आयोग एग्जाम की तैयारी कर रहे युवाओं को वे संदेश देती हैं कि वे छठी से लेकर 12वीं क्लास तक की एनसीईआरटी की किताबों पर अपनी पकड़ मजबूत करें. इसके साथ ही उत्तर लिखने की बार-बार प्रैक्टिस और टाइम मैनेजमेंट मजबूत रखें. अगर हौंसला बुलंद होगा तो सफलता खुद अपने आप खिंची चली आएगी.

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