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तीन तलाक को लेकर 26 एफआईआर सबसे ज्यादा मेरठ में ,कानून बनने के बाद से अब तक उत्तर प्रदेश में 216 मुकदमे

लखनऊ. तीन तलाक को लेकर कानून बनने के बाद से उत्तर प्रदेश में मुस्लिम महिलाओं ने 216 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। सबसे ज्यादा मामले पश्चिमी उप्र के मेरठ , सहारनपुर व शामली में दर्ज किए गए। जबकि पूर्वी उप्र में सबसे ज्यादा मामले वाराणसी में सामने आए। महिलाओं की तरफ से की गई शिकायत में तीन तलाक का मुख्य कारण दहेज, संपत्ति विवाद और घरेलू हिंसा को बताया गया है।

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कुछ तीन तलाक फोन, एसएमएस के माध्यम से भी दिए गए। मेरठ में 26, सहारनपुर में 17 और शामली में 10 मामले दर्ज किए गए। इन तीन जिलों में मुस्लिम आबादी 50 फीसदी से अधिक है। जबकि, वाराणसी में 10 एफआईआर दर्ज की गईं। यह सभी मामले मुस्लिम महिलाओं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत दर्ज हुए हैं। यह आंकड़े 21 अगस्त तक के हैं।

क्या है गिरफ्तारी का नियम?
जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद देश में तीन तलाक देना अपराध है। इसके तहत आरोपी को 3 साल की सजा और उस पर जुर्माना लग सकता है। मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा। पीड़िता या उसके रिश्तेदार द्वारा केस दर्ज कराया जा सकता है।

पुलिस बिना वारंट के आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है। मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही आरोपी को जमानत मिलेगी। जमानत बिना महिला का पक्ष सुने बगैर नहीं दिया जा सकता है। तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चे के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो पति को देना होगा। तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी और रखावाली मां के पास रहेगी। नए कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है। 

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