तालिबान ने भारत की जमकर तारीफ, उम्मीद जगी :तालिबान प्रवक्त सुहैल शाहीन

काबुल . अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत की मेजबानी में 8 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक को तालिबान ने सकारात्मक बताया है. तालिबान के आधिकारिक प्रवक्त सुहैल शाहीन ने कहा है कि वो दिल्ली में हुई बैठक को सकारात्मक घटनाक्रम के रूप में देखते हैं. शाहीन ने उम्मीद जाहिर की है कि इस बैठक से अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व को बल मिलेगा.
शाहीन ने कहा है कि एनएसए स्तर की बैठक के मुख्य बिदुओं पर अफगानिस्तान सहमत है. अफगानिस्तान में इस वक्त मानवीय त्रासदी रोकने के लिए मदद की जरूरत है.
शाहीन ने कहा- अगर उन्होंने (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों) कहा है कि वो अफगानिस्तान के पुनर्निमाण, शांति और स्थायित्व के लिए काम करेंगे…तो ये हमारा भी मकसद है. अफगानिस्तान के लोग शांति चाहते हैं क्योंकि बीते वर्षों में उन्होंने काफी कुछ झेला है. इस वक्त, हम चाहते हैं कि आर्थिक प्रोजेक्ट्स दोबारा शुरू किए जाएं और नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत हो. हम ये भी चाहते हैं कि हमारे लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों. इसलिए बैठक में जो कुछ कहा गया है कि हम उससे सहमत हैं
उन्होंने यह भी कहा-कोई भी ऐसा कदम जो देश में शांति और स्थायित्व लाए, रोजगार के अवसर पैदा करे, गरीबी कम करने में मदद करे…हम उसका समर्थन करते हैं. इस वक्त देश की 80 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है.
बता दें कि भारत के एनएसए अजित डोभाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में ईरान, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ताजिकिस्तान के एनएसए ने हिस्सा लिया. बैठक के दौरान सभी देशों ने अफगानिस्तान में बाहरी हस्तक्षेप न किए जाने की बात कही है. इस बात पर सुहैल शाहीन ने भी सहमति जाहिर की है.
अजीत डोभाल ने कहा कि उस देश में हालिया घटनाओं का न केवल अफगान लोगों पर बल्कि क्षेत्र पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है. डोभाल ने कहा कि यह अफगानिस्तान से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए क्षेत्रीय देशों के बीच घनिष्ठ परामर्श, अधिक सहयोग और समन्वय का समय है.
उन्होंने कहा, ‘वार्ता का उद्देश्य काबुल पर तालिबान के नियंत्रण के बाद आतंकवाद, कट्टरता और मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरों का सामना करने में व्यवहारिक सहयोग के लिए एक सामान्य दृष्टिकोण को मजबूत करना है. डोभाल ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श उपयोगी, लाभदायक होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और हमारी सामूहिक सुरक्षा को बढ़ाने में योगदान देंगे.’