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ताज को नुकसान पहुंचा सकती है ओजोन गैस, हेल्थ के लिए भी है खतरनाक: रिसर्च में खुलासा
आगरा. ओजोन गैस आसमान के लिए अच्छा और धरती के लिए बुरा है। रिसर्च में खुलासा हुआ है कि ताज महल पर भी ओजोन गैस मौजूद है। इस गैस से उसे नुकसान हो सकता है। लोगों की हेल्थ के लिए यह बुरा है। इससे फेफड़े के टिश्यू डैमेज होने, अस्थमा, हर्ट डिजीज और जेनेटिक कोड बदलने की आशंका रहती है। यह खुलासा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट में हुआ है।
– सेंट जोंस कॉलेज में रसायनशास्त्र प्रोफेसर डॉ. अजय तनेजा ने रिसर्च किया है। उसके मुताबिक, लगातार ओजोन गैस की मात्रा बढ़ रही है।
– सीपीसीबी ने दो साल पहले ताज महल पर ओजोन गैस की जांच की। उस दौरान यहां पर 11 माइक्रोन प्रति घनमीटर ओजोन गैस मिली।
– अब एक बार फिर सीपीसीबी ओजोन गैस की जांच करवाने वाली है।
– सेंट जोंस कॉलेज के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के हेड डॉ. अजय तनेजा के अनुसार लगातार ओजोन गैस की मात्रा बढ़ रही है।
– पृथ्वी की सतह से 20 से 60 किलोमीटर के बीच वायुमंडल में इस गैस का लेयर है। यह लेयर सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों को सोख लेता है।
– धरती पर इस गैस की मौजूदगी हर जीव के लिए नुकसानदायक है।
– ओजोन गैस की वजह से हार्ट अटैक और स्किन कैंसर की आशंका होती है।
– अस्थमा के मरीजों को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। इस गैस में वंशानुगत दोष पैदा करने की क्षमता है।वाहनों से बढ़ रही है धरती पर ओजोन गैस
– वाहनों के कंबर्शन इंजन की वजह से ओजोन गैस धरती पर बढ़ रही है। ऐसा डीजल, पेट्रोल या सीएनजी इंजन से भी होता है।
– हवा में मौजूद नाइट्रोजन इंजन तक पहुंचकर सीएनजी, पेट्रोल या डीजल के रिएक्शन से नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) गैस बन जाती है।
– यह नाइट्रोजन ऑक्साइड सूर्य की रोशनी में रिएक्ट कर ओजोन गैस बना रही है। इंजन की तकनीक में वैज्ञानिक बदलाव से यह ठीक हो सकता है।
– सीपीसीबी ने दो साल पहले ताज महल पर ओजोन गैस की जांच की। उस दौरान यहां पर 11 माइक्रोन प्रति घनमीटर ओजोन गैस मिली।
– अब एक बार फिर सीपीसीबी ओजोन गैस की जांच करवाने वाली है।
– सेंट जोंस कॉलेज के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के हेड डॉ. अजय तनेजा के अनुसार लगातार ओजोन गैस की मात्रा बढ़ रही है।
– पृथ्वी की सतह से 20 से 60 किलोमीटर के बीच वायुमंडल में इस गैस का लेयर है। यह लेयर सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों को सोख लेता है।
– धरती पर इस गैस की मौजूदगी हर जीव के लिए नुकसानदायक है।
– ओजोन गैस की वजह से हार्ट अटैक और स्किन कैंसर की आशंका होती है।
– अस्थमा के मरीजों को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। इस गैस में वंशानुगत दोष पैदा करने की क्षमता है।वाहनों से बढ़ रही है धरती पर ओजोन गैस
– वाहनों के कंबर्शन इंजन की वजह से ओजोन गैस धरती पर बढ़ रही है। ऐसा डीजल, पेट्रोल या सीएनजी इंजन से भी होता है।
– हवा में मौजूद नाइट्रोजन इंजन तक पहुंचकर सीएनजी, पेट्रोल या डीजल के रिएक्शन से नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) गैस बन जाती है।
– यह नाइट्रोजन ऑक्साइड सूर्य की रोशनी में रिएक्ट कर ओजोन गैस बना रही है। इंजन की तकनीक में वैज्ञानिक बदलाव से यह ठीक हो सकता है।