अंतराष्ट्रीय

ताजिकिस्तान ने नहीं दीअशरफ गनी के प्लेन को लैंडिंग की इजाजत

काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. रविवार को तालिबान ने काबुल और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया. इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया. बताया गया कि अशरफ गनी ताजिकिस्तान भाग गए हैं. मगर अब खबर है कि ताजिकिस्तान ने अशरफ गनी के प्लेन को लैंडिंग की इजाजत नहीं दी है. ऐसे में अब गनी अमेरिका जा सकते हैं. फिलहाल वह ओमान में रुके हैं.

अशरफ गनी के साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहिब भी ओमान में हैं. दोनों एक साथ प्लेन से ताजिकिस्तान पहुंचे, मगर उनके प्लेन को लैंडिंग की परमिशन नहीं मिली.

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान छोड़कर भागने वाले राष्ट्रपति अशरफ गनी देर रात फेसबुक पर पोस्ट अपने देश छोड़ने की वजह बताई. उन्होंने लिखा है कि वह इसलिए अफगानिस्तान से भागे, ताकि लोगों को ज्यादा खून-खराबा न देखना पड़े. गनी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि अगर वह अफगानिस्तान में रुके होते तो बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते. ऐसे में वहां असंख्य लोगों की जान जाती. साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता.

उन्होंने लिखा कि अब तालिबान जीत चुका है. अब वह अफगान लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. अशरफ गनी ने लिखा है कि तालिबान एक ऐतिहासिक टेस्ट का सामना कर रहा है. अब या तो वो अफगानिस्तान के नाम और सम्मान को बचाएंगे या फिर अन्य जगहों और नेटवर्क को वरीयता देंगे.

इस बीच पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला अभी काबुल में ही हैं. दोनों आज तालिबानी लीडरशिप से बात करने वाले हैं. दोनों की कोशिश है कि किसी तरह बातचीत सफल हो जाए और काबुल में मिली-जुली सरकार चले, ताकि लोगों को कम तकलीफ हो. हालांकि, तालिबान से साफ कर दिया है कि काबुल की सत्ता वह सीधे अपने हाथों में लगी. ऐसे में सबकुछ तालिबान पर ही निर्भर है.

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