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ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया ने इंट्रानैसल वैक्सीन और बूस्टर डोज के ट्रायल को दी….

नई दिल्ली। ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया ने भारत बायोटेक की इंट्रानैसल वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल और बूस्टर डोज की फेज 3 स्टडी को मंजूरी दे दी है। बूस्टर डोज का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाएगा, जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने भारत बायोटेक को परीक्षण के लिए अपना संशोधित प्रोटोकाल दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

भारत बायोटेक को ‘फेज थ्री’ ट्रायल को दी मंजूरी

वैक्सीन निर्माता कंपनी और एसईस के बीच हुए एक बैठक में, विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए फेस-3 ट्रायल को अनुमति दी गई है। उसके आधार पर ही भारत बायोटेक को अनुमोदन के लिए संशोधित प्रोटोकाल दाखिल करने के लिए कहा गया है। वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक पांच हजार लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल करने की योजना बना रही है।

कुल पांच हजार लोगों पर होगा परीक्षण

इन लोगों में 50 फीसदी को कोविशील्ड और अन्य 50 फीसदी को कोवैक्सिन कोविड-19 टीका लगाया गया है। कंपनी द्वारा प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट में कोरोना वैक्सीनेशन पूरा होने के छह महीने बाद बूस्टर डोज लगाने की बात कही गई है। भारत बायोटेक ने इंट्रानैसल बूस्टर डोज वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए दिसंबर के मध्य में आवेदन किया था। भारत बायोटेक द्वारा निर्मित इंट्रानैसल वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ टी सेल रिस्पांस को निष्क्रिय करने के लिए इम्युन सिस्टम को तैयार करती है।

तमिलनाडु की पटाखा फैक्ट्री में लगी…

नैसल वैक्सीन के पिछले साल हुए फेज 1 और फेज 2 ट्रायल में कुल 400 और 650 लोगों ने भाग लिया था। जानकारों के मुताबिक, नैसल वैक्सीन की एक डोज से आप संक्रमण को रोक सकते हैं और इससे ट्रांसमिशन चौन को ब्लाक किया जा सकता है।

इस तरह कोरोना संक्रमण को काबू करने में भी मदद मिलेगी। इसमें पोलियो वैक्सीन की तरह आपको चार बूंदें दी जाएंगी, फर्क महज इतना होगा की ये सीधे आपकी नाक में डाली जाएगी।

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