ट्वीट भारत के कानून के खिलाफ – तहरीक-ए-तालिबान;

नई दिल्ली। भारत सरकार ने ट्विटर से कहा है कि वह नवगठित तहरीक-ए-तालिबान इंडिया का अकांउट बंद कर दे। आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक तहरीक-ए-तालिबान इंडिया ने ट्वीट करके कहा है कि ट्विटर को पुलिस की ओर से यह कहा गया है कि उसके ट्वीट भारत के कानून के खिलाफ हैं। तहरीक-ए-तालिबान इंडिया ने ट्वीट करके कहा था वह भारत में अपनी गतिविधियां शुरू कर रहा है।
नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि !!
तहरीक-ए-तालिबान के साथ युद्ध या शांति
तहरीक-ए-तालिबान इंडिया ने एक अन्य ट्वीट में कहा था कि तालिबान एक आम नाम है। इसका पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तालिबान से कोई लेनादेना नहीं है। अब भारत सरकार के पास तहरीक-ए-तालिबान के साथ युद्ध या शांति के अलावा कोई विकल्प नहीं है। तहरीक-ए-तालिबान इंडिया का कहना है कि उसका गठन कश्मीर में शांति के लिए किया गया है। भारतीय तालिबान में मुस्लिम विद्वान हैं। अब तक हजारों मुसलमान इससे जुड़ चुके हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीआई की स्थापना की घोषणा एक बैठक के बाद एक अज्ञात स्थान से एक ट्वीट के माध्यम से की गई है। तालिबान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की तरह दिखता है जो पाकिस्तान सरकार के खिलाफ युद्ध में शामिल है। तहरीक-ए-तालिबान इंडिया ने एक अधिसूचना भी जारी की है। इसमें कहा गया है कि ट्विटर को भारतीय कानून प्रवर्तन की ओर से निर्देश हैं कि टीटीआइ की सामग्री सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करती है।
उधर पाकिस्तानी सेना ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन टीएलपी से समझौता कर लिया है। अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद पाकिस्तानी सेना ने फिर से छद्म युद्ध के लिए अपने मददगारों को सेट किया है। दरअसल इस कदम को प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआइ की निर्वाचित सरकार को किनारे लगाने के लिए बाजवा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। आइएएनएस की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक टीएलपी की पाकिस्तान की घरेलू राजनीति में दखल बढ़ने से सेना को अपनी मनमानी करने की मंशा पूरी हो जाएगी।