झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत 15 को सोनभद्र पुलिस ने रोका

सोनभद्र: झारखंड से लखीमपुर खीरी जा रहे झारखंड कांग्रेस के दो कैबिनेट मंत्री और आधा दर्जन विधायकों को सोनभद्र पुलिस ने विंढमगंज में झारखंड बार्डर पर रोक दिया. देर रात दो बजे के आसपास झारखंड बार्डर पर रोके जाने से कांग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस नेताओं के हंगामे से सोनभद्र और झारखंड के दोनों तरफ दो किलोमीटर से भी लंबा जाम लग गया है. इससे आवागमन बाधित हो गया है.
झारखंड के कैबिनेट मंत्री पन्नालाल गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मांड़र, विधायक बंधु तिर्की, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मानस सिन्हा, संजय लाल पासवान, शाकील अख्तर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता बुधवार की देर रात दो बजे के आसपास लखीमपुर खीरी जा रहे थे. जैसे ही वे विंढमगंज में सोनभद्र-झारखण्ड बॉर्डर पर पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इससे आक्रोशित कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने हंगामा कर नारेबाजी शुरू कर दी और वहीं धरने पर बैठ गए. इससे सोनभद्र-झारखंड बॉर्डर पर दोनों तरफ जाम लग गया. बुधवार की रात से ही कांग्रेस नेता और समर्थक बॉर्डर पर डटे हुए हैं.
उधर बॉर्डर पर फोर्स तैनात कर दी गई है. इससे जाम के कारण जहां आवागमन प्रभावित हुआ, वहीं यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. सुबह 7.00 बजे तक हंगामा, धरना प्रदर्शन चलता रहा. लेकिन, सोनभद्र पुलिस के रोके जाने के बाद सभी नेताओं को बैरंग लौटना पड़ा.
वहीं, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पन्ना लाल गुप्ता ने कहा कि योगी सरकार डरी हुई है. उत्तर प्रदेश की जनता को प्रताड़ित कर रही है. यहां की पुलिस कभी किसी व्यवसायी को पीट पीटकर मार देती है तो कभी लोग जनता, किसानों को गाड़ी से कुचल कर उनकी हत्या कर देते हैं. लखीमपुर खीरी में प्रशासन क्या साक्ष्य छुपाना चाहती है, जो यहां किसी को भी जाने नहीं दे रही है. योगी के अपराधी, गुंडे बाहर घूम रहे हैं. लोगों की हत्या कर रहे हैं और जो लोग उन पीड़ितों के यहां अपनी संवेदना प्रकट करना चाहते हैं, उन्हें बगैर किसी FIR के गिरफ्तार कर रहे हैं. जो FIR वाले अपराधी हैं, वो बाहर मौज कर रहे हैं. हमें आज उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर रोक दिया गया है पर हम वहां जरूर जाएंगे.
वहीं, झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हम लोग देर रात दो बजे से आये हैं और पहले से ही गृह सचिव को अपना प्रोग्राम भेज चुके थे. लेकिन, योगी सरकार डरी हुई है. वह तथ्यों को छुपाना चाहती है, इसलिए धारा 144 का हवाला दे रही है. अगर धारा 144 लगी है तो लखनऊ में मोदी जी का प्रोग्राम कैसे हुआ? क्या उनके कार्यक्रम के लिए 144 धारा नहीं थी?