लखनऊ

जीएसटी की बढ़ी कीमतों के खिलाफ जुटे दर्जनों व्यापारी 

लखनऊ । मौजूदा भाजपा सरकार पहले ही तमाम आन्दोलनों से घिरी हुई है तथा  राजधानी में हर दिन धरना प्रदर्शनों का दौर लगातार जारी है। अब ऐसे में ऐन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनकर ईंट भट्ठा मालिक सामने आ गए हैं। जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में ईंटों पर टैक्स दर बढ़ाने के प्रस्ताव के खिलाफ बुद्धवार को राजधानी के हज़रतगंज भाजपा कार्यालय के सामने ईंट भट्ठा मालिकों ने इक्ठ्ठा होकर प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिला प्रशासन के माध्यम से सौंपा। इस मौके पर लखनऊ ब्रिक किल्न एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की 17 सितम्बर 2021 को लखनऊ में हुई 45 वीं बैठक में ईंटों पर टैक्स दर बिना आईटीसी लिए 600 प्रतिशत व आईटीसी क्लेम करने पर टैक्स में 240 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव पारित किया था। आगे बताया कि मौजूदा समय में ईंटों पर 1.50 करोड़ टर्नओवर पर कम्पोजीशन है, जिसमें टैक्स की दर 01 प्रतिशत है,और आईटीसी नहीं मिलती।  इसे बढ़ाकर 06 प्रतिशत किए जाने तथा सामान्य अवस्था में ईंटों पर टैक्स की दर 05 प्रतिशत है जिसे बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल ने किया है, जो अप्रैल 2022 से लागू की जायेगी। राजेश के अनुसार ईंट जैसी मूलभूत ज़रूरत की वस्तु पर 600  प्रतिशत व 240 प्रतिशत टैक्स दर में वृद्धि निश्चय ही अनुचित,
अव्यवहारिक और व्यापार व जनता के साथ घोर अन्याय है। राजेश के मुताबिक हम 3 करोड़ लोगों को रोजगार प्रत्यक्ष रूप से देते हैं तथा देश में डेढ़ लाख और उत्तर प्रदेश में 19 हजार ईंट भट्ठे है। वही एसोसिएशन के महामंत्री मुकेश मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले ईंटों पर समाधान योजना प्रभावी थी,जिससे ग्राहक से टैक्स नहीं वसूल किया जाता था, इसलिए जनसाधारण को ईंटों पर टैक्स देने की आदत नहीं हैं। आगे कहा कि मिट्टी की दीवार बनाकर घर बनाना अब खत्म हो चुका है। आवास के लिए सर्वसुलभ विकल्प सिर्फ भट्ठों में निर्मित लाल ईंट ही है। मुकेश ने तबाया कि निर्माण सामग्री के अन्य विकल्प जैसे सीमेंट ब्लाक्स व फ्लाई ऐश ईंटों पर टैक्स की दर सरकार नहीं बढ़ा रही है ऐसा अन्याय भट्ठों में निर्मित लाल ईंटों पर ही क्यों किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगें तत्काल पूरा नहीं करेगी तो पूरे उत्तर प्रदेश में बड़ा आन्दोलन करेंगे और फिर नहीं माने तो दिल्ली के जंतर-मंतर पर लाखों ईंट भट्ठा कारोबारी और उनके  कर्मचारी विशाल धरना प्रदर्शन करके चक्का जाम करेंगे।

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