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जिसे जान आप कहेंगे WOW, रक्षाबंधन पर बहन को मिला सरप्राइज गिफ्ट

वाराणसी. रक्षाबंधन पर 2 भाइयों ने बहन को एक सरप्राइज गि‍फ्ट दि‍या है। कोई पैसा या उपहार नहीं बल्कि टॉयलेट गिफ्ट में दिया है। बहन सुजाता का कहना है, पैसे की कमी के चलते घर में टॉयलेट नहीं बना था। लड़कि‍यों के साथ हो रहे क्राइम को सुनकर मन भयभीत रहता था। मजबूरी में शौच के लि‍ए बाहर जाना पड़ता था। मेरे भाइयों ने अब यह प्रॉब्लम सॉल्‍व कर दी, मैं बहुत खुश है। भाइयों के इस गिफ्ट पर गर्व कर रही है बहन…
– सुजाता ने कहा, ”मैं अपने भाई से हमेशा कहती थी कि भैया शौच के लि‍ए बाहर जाने से डर लगता है।”
– ”बाहर जाने को लेकर हर पल मन दुखीः और भयभीत रहता है।”
– ”हालांकि, उतना पैसा भी नहीं था कि मेरा भाई टॉयलेट बनवा सके।”
– ”राखी बांध रही थी, तभी गि‍फ्ट के लि‍ए हाथ आगे बढ़ाया।”
– ”इस दौरान मेरा भाई बोला कि मैं कोई गिफ्ट नहीं दूंगा।”
– मैं बोली, क्यों? भाई बोला- इस बार गिफ्ट में टॉयलेट दूंगा। यह सुन मैं खुशी से उछल पड़ी। मुझे यकीन नहीं था कि मुझे ऐसा कोई गिफ्ट मिलेगा।
– ”आज मेरे घर पर टॉयलेट बनने का काम शुरू हो गया है, भाई के इस गिफ्ट पर न सिर्फ मुझे गर्व है बल्कि समाज में इसका एक अच्छा मैसेज भी जाएगा।”
सुजाता की दूसरी बहन को भी है भाइयों पर गर्व
– सुजाता की दूसरी बहन नीतू ने बताया कि आए दिन समाज में रेप की घटनाएं सुनने में आती हैं।
– ”इसमें पुलिस की लापरवाही और लोगों की गंदी सोच से मन दुखी होता है।”
– ”मेरे मन में बहुत दिनों से यह था कि राखी पर अपने भाई से कुछ खास जरूर मांगूंगी।”
– ”मौका मिला और रक्षाबंधन आया। इससे बढ़ि‍या समय और क्या हो सकता है।”
– ”राखी बांधा और वचन मांगा कि भइया आप मुझे कोई गिफ्ट मत दो, मुझे टॉयलेट दो।”
– ”जब मेरे भाई ने गिफ्ट में इतने अनोखे चीज को उपहार दिया तो मेरा मन खिल गया।”
– ”आज मुझे बहुत खुशी है कि मेरा सपना पूरा हो गया।”
– ”मेरा भाई सरवन वाकई में कलयुग का सरवन ही है।”
सरवन और सौरभ ने कहा, समाज के लोग जागें
– उन्होंने कहा, हमने मिशाल पेश कर दिया है। अब समाज को भी जगना होगा।
– ”लोगों से अपील की कि बहनों की आबरू और मां का सम्मान बहुत महत्वपूर्ण है।”
– ”हमारे मन में यह था कि अपनी बहन को इस रक्षाबंधन पर कुछ असामान्य दूं।”
– ”संयोग से पैसा भी आ गया और वचन पूरा करने का समय भी।”
– ”हम लोगों को खुशी है कि अपने बहनों का सपना हमने पूरा कर दिया।”
गांव का प्रधान बोला- यह एक नेक काम है, हम भाइयों को सम्मानित भी करेंगे…
– इससे ज्यादा खुशी क्या होगी कि गांव के बच्चे अपनी बहनों को गिफ्ट में टॉयलेट दे रहे हैं।
– हम और युवाओं को इस तरह के नेक काम करने के लिए जागरूक करेंगे।
– फिलहाल हम सभी लोग बाढ़ की चपेट में हैं। जैसे ही परेशानी दूर होगी इन दोनों को सम्मानित भी करने का प्रयास करूंगा।

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