जिंदगी की जंग हारे तरुण कौशल !

अंबाला । अंबाला के नेशनल अवार्डी तरुण कौशल आखिरकार अपने जीवन की जंग हार गए। सिरसगढ़ गांव के पास धर्मकांटे से बैक हो रहे ट्रक ने तरुण के सिर को कुचल दिया था। तरुण कौशल हालांकि उन्होंने हेलमेट पहना हुआ था। लेकिन ट्रक का पहिया उनके सिर के ऊपर से निकल जाने के कारण हेलमेट उनके सिर में घुस गया था जिसे डाक्टरों ने काटकर निकाला था।
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मंगलवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे तरुण ने मुलाना मेडिकल कालेज में आखिरी सांस ली। वो पिछले करीब 24 घन्टे से कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर थे। अधिक रक्तस्राव और सिर में गम्भीर चोट लगने के कारण उनका निधन हो गया। तरुण कौशल का दिल आखिर तक धड़क रहा था, लेकिन दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था। तरुण कौशल अपने पीछे अपने बूढ़े मां- बाप, पत्नी और दो छोटे बेटों को छोड़ गए।
बेटियों के नाम लोहड़ी पर्व:- तरुण कौशल ने 2016 में जिले में पहली बार बेटियों के नाम लोहड़ी पर्व की शुरुआत की थी। लोहड़ी पर्व पर न केवल अच्छा काम करने वाली राज्यभर की बेटियों को सम्मानित करते थे बल्कि जिन घरों में बेटियां एक साल की अवधि में पैदा हुई उनके परिजनों को सम्मानित भी करते थे। इस बार भी कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए दो या इससे अधिक बेटियों के माता पिता को सम्मानित करने की योजना उन्होंने बनाई थी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।
हरियोली में मातम, उनके नाम से मशहूर है गांव – तरुण कौशल बराड़ा के गांव हरियोली के रहने वाले थे। पूरा गांव उनके नाम से मशहूर है। गांव के प्रवेश द्वार पर लगे गौरव पट्ट पर आज भी उनकी उपलब्धियां वर्णित हैं। जैसे ही तरुण के निधन की खबर गांव हरियोली में पहुंची पूरे गांव में मातम पसर गया।