जाने क्यों ,हड़ताल पर गए प्रदेश के 70 हजार सरकारी अधिकारी-कर्मचारी?

जबलपुर. मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश भर के 70 हजार कर्मचारी अधिकारी आज से हड़ताल पर चले गए हैं. सभी पंचायतों में काम काज ठप्प पड़ गया है.
गुरुवार से मध्य प्रदेश की सभी 23000 ग्राम पंचायतों और 312 जनपद पंचायतों के अधिकारी एवं कर्मचारी हड़ताल पर चल गए हैं. जबलपुर में भी तमाम कर्मचारियों ने काम बंद कर जमकर नारेबाजी की. हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि वेतन वृद्धि, केंद्र समान डीए, रिटायरमेंट के बाद पेंशन समेत विभिन्न मांगों को लेकर सरकार से कई बार पत्राचार किया. लेकिन सरकार ने उनकी मांगो पर अब तक कोई विचार नहीं किया. इस वजह से उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है.
इन कर्मचारियों ने इसके पहले भी एक दिन की हड़ताल कर सरकार को चेतावनी दी थी लेकिन सरकार ने कोई बातचीत नहीं की. इस वजह से आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी गई है. इस हड़ताल में 52 हजार गांव और 312 जनपद और जिलों, राज्य संवर्ग के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी शामिल हुए. हड़ताल को 17 घटक संगठनों का समर्थन हासिल है. इन संगठनों ने चेतावनी दी कि अधिकारियों कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांगों का निराकरण जल्द नहीं किया गया तो मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त मोर्चा बड़ा आंदोलन करेगा.
इससे पहले लंबित मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चे का एक दल प्रदेश के पंचायत मंत्री से मुलाकात कर चुका है. लेकिन सिर्फ मौखिक आश्वासन के अलावा कोई सहानुभूति पूर्वक जवाब न मिलने के कारण कर्मचारियों ने यह बड़ा कदम उठाया है. फ़िलहाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से बड़ा असर सरकारी कामकाज पर पड़ेगा क्योंकि ग्रामीण अंचलों में प्रस्तावित और क्रियान्वित होने वाली सरकारी योजनाएं फिलहाल ठप्प पड़ गई हैं.