जाने कितनी देर तक का होगा इस साल का पहला चंद्रग्रहण !

नई दिल्ली/नोएडा कोरोना वायरस संक्रमण के विश्वव्यापी ग्रहण की तरह आगामी 26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। यहां पर यह बात जान लेना जरूरी है कि 26 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण है, जो दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में कहीं भी नजर नहीं आएगा। ऐसे में सूतक काल का तो कोई सवाल ही नहीं होता। ऐसे में खाने-पीने से संबंधित कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।
सामान्य भाषा में कहा जाए तो जब धरती पूरी तरह चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है, तो इस स्थिति को पूर्ण चंद्रग्रहण कहा जाता है। ऐसी स्थिति में चंद्रमा लाल नजर आता है जिसे ब्लड मून भी कहते हैं। इस बार ग्रहण वृश्चिक राशि में लगने जा रहा है जिसके चलते ग्रहण का सबसे ज्यादा असर इसी राशि के जातकों पर पड़ेगा।
उपछाया ग्रहण में सूतक नहीं होता है। यही वजह है कि ग्रहण से पहले सभी कार्य वैसे ही किए जा सकते हैं जैसे होते रहे हैं। नोएडा सेक्टर-55 स्थित शिव मंदिर के पुजारी राम नारायण शास्त्री का कहना है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई दिन बुधवार को लगेगा। चंद्र ग्रहण दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगा और शाम 7 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। चूंकि ये चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं दिखेगा, इसीलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
ज्योतिषियों और पुजारियों के मुताबिक, वैशाख मास की पूर्णिमा पर यानी 26 मई को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्रग्रहण 26 मई को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शुरू होगा और फिर शाम 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। वैसे तो 26 मई का यह चंद्रग्रहण तकरीबन 5 घंटे का होगा, लेकिन यह भारत के केवल कुछ ही हिस्सा में दिखेगा
खगोल शास्त्रियों के मुताबिक, ये चंद्रग्रहण केवल बंगाल के पश्चिमी हिस्सों, बंगाल की खाड़ी और उत्तर पूर्व के कुछ इलाकों में ही नजर आएगा। उधर, अमेरिका के अलावा, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी यूरोप और प्रशांत महासागर में ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होने वाला है।