जानें मजदूरों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद !

नई दिल्ली।:केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय से मजदूरों को बड़ी राहत मिलने वाली है। दरअसल, श्रम मंत्रालय ने सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 का मसौदा जारी किया है। इसमें प्रस्तावत दिया गया है कि अगर कर्मचारी काम के दौरान धायल या उसकी मौत हो जाती है तो नियोक्ता को कर्मचारी को कंपसेशन (मुआवजा) एक महीने यानी 30 दिन के भीतर देना होगा। इसके बाद एक दिन देरी करने पर नियोक्ता को 12 फीसदी की सधारण ब्याज दर से मुआवजा का भुगतान करना होगा।
श्रम मंत्रालय ने सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के तहत कर्मचारी के मुआवजे से संबंधित मसौदा नियमों को संबंधित पक्षों के सुझावों और आपत्तियों के लिए अधिसूचित कर दिया है।बयान के अनुसार अगर कोई सुझाव और आपत्ति है, तो उसे मसौदा नियमों की अधिसूचना की तारीख से 45 दिनों की अवधि के भीतर देना जरूरी है। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्रदान करने के मकसद से सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कानूनों में जरूरी संशोधन और उसका एकीकरण करती है। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के अध्याय सात (कर्मचारी का मुआवजा) में अन्य बातों के साथ-साथ घातक दुर्घटनाओं, गंभीर शारीरिक चोटों या पेशेगत रोगों के मामले में मुआवजे के लिए नियोक्ता के दायित्वों से संबंधित प्रावधानों को शामिल किया गया है।
सामाजिक सुरक्षा संहिता की धारा 76 के अनुसार, चोट के कारण मृत्यु के मामले में मुआवजे की राशि मृतक कर्मचारी के मासिक वेतन का 50% होना चाहिए, जिसे केंद्र सरकार के रेलिवेंट फैक्स के गुणा किया जाएगा। इसी तरह चोट के कारण स्थायी रूप से पूर्ण रूप से अक्षम होने की स्थिति में, घायल कर्मचारी के मासिक वेतन के 60 प्रतिशत के बराबर होना चाहिए। इसे भी केंद्र सरकार के रेलिवेंट फैक्टर से गुणा किया जाएगा।
केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित कर्मचारी के मुआवजा से संबंधित मसौदा नियमों में दावे या निपटान के लिए आवेदन के तरीके, मुआवजे के विलंबित भुगतान के लिए ब्याज दर, कार्यवाही के स्थान एवं मामलों के हस्तांतरण, नोटिस एवं एक सक्षम प्राधिकारी से दूसरे प्राधिकारी को धन हस्तांतरित करने के तरीकों और मुआवजे के रूप में भुगतान किए गए धन के हस्तांतरण के लिए अन्य देशों के साथ की जाने वाली व्यवस्था से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
केंद्र सरकार की योजना देशभर के असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को समाजिक सुरक्षा के योजना का लाभ दिलाने की है। इसी कड़ी में सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के तहत कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, ग्रेच्युटी, मातृत्व लाभ, भवन एवं अन्य निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों के संदर्भ में सामाजिक सुरक्षा एवं उपकर, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, गिग श्रमिकों (घंटे के हिसाब से या अंशकालिक काम करने वाले) एवं प्लेटफॉर्म वर्कर्स (ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये सेवा देने वाले संगठनों के लिए काम करने वाले कर्मचारी) के लिए सामाजिक सुरक्षा और रोजगार से जुड़ी सूचना से संबंधित मसौदा नियमों को 13 नवंबर, 2020 को अधिसूचित किया गया था।