उत्तर प्रदेशराजनीति

जानें कोर्ट ने क्‍या दि‍या आदेश, अमि‍ताभ ठाकुर v/s मुलायम सिंह वि‍वाद की फि‍र से होगी जांच

लखनऊ. आईपीएस अमिताभ ठाकुर और मुलायम सिंह यादव के बीच वि‍वाद में सोमवार को सीजेएम कोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट खारिज कर दी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या श्रीवास्तव ने सपा मुखिया के खिलाफ दर्ज मामले की जांच का फिर से आदेश दिया है। साथ ही कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) का विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच कराकर 30 सितंबर तक रि‍पोर्ट मांगी है। क्‍या है पूरा मामला…
– अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
– उन्‍होंने कहा था कि‍ सपा मुखि‍या ने उन्‍हें फोन पर धमकी दी थी।
– स्थानीय पुलिस ने यह कहते हुए इस मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दिया था कि कोई अपराध नहीं बनता है।
कोर्ट ने क्‍या कहा
– सीजेएम कोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट खारिज कर दिया।
– लखनऊ पुलिस को इस प्रकरण की नए सिरे से जांच करने का आदेश भी दिया।
– पुलिस की अंतिम रिपोर्ट खारि‍ज करते हुए अदालत ने कहा कि इस मामले में स्पष्ट है कि जांच अधि‍कारी कॉम्‍पैक्ट डिस्क में मौजूद आवाज के नमूने का विधि विज्ञान प्रयोगशाला में परीक्षण नहीं कराया है।
– इससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि कॉम्‍पैक्ट डिस्क में रिकॉर्डेड बातचीत किन दो व्यक्तियों की है।
– जांच अधि‍कारी ने जिस धमकी भरे फोन के संबंध में जांच की है, उस वॉइस रिकॉर्डिंग का नमूना भी किसी विशिष्‍ट सरकारी एजेंसी द्वारा सत्यापित या प्रमाणित नहीं किया गया है।
– इस मामले में अग्रिम विवेचना और आवाज के मिलान के वैज्ञानिक परीक्षण का आदेश दिया।
क्‍या है अमि‍ताभ ठाकुर की मांग
– 16 अक्टूबर, 2015 को प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल कर अमिताभ ठाकुर ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को खारि‍ज करते हुए मुलायम पर केस चलाए जाने की मांग की थी।
– उनका कहना था कि जांच से यह पूरी तरह स्‍टेबलि‍स्‍ड होता है कि मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन पर वही बातें कहीं, जो उन्होंने एफआईआर में दर्ज कराई थी।
– खुद मुलायम सिंह यादव ने भी जांच अधि‍कारी को दिए अपने बयान में यह बात स्वीकार की है।
– लिहाजा उनकी शिकायत स्वतः साबित होती है।
– जांच अधि‍कारी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दबाव में पूरी तरह एकपक्षीय रि‍पोर्ट दी है।
जांच अधि‍कारी ने क्‍या कहा था
– 12 अक्टूबर, 2015 को जांच अधि‍कारी ने मुलायम सिंह यादव को क्लीन चिट दे दी थी।
– जांच अधि‍कारी ने कहा था कि‍ मुलायम सिंह यादव इस केस में आरोपी हैं।
– उनकी बात से स्पष्ट हो रहा है कि उनकी टेलीफोनिक बातचीत समझाने के दृष्टिकोण से की गई है।
– लेकिन वादी द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के कृत्य का तात्पर्य मुख्य रूप से सहज पॉपुलरि‍टी प्राप्त करना है।
– यह उनका समाचार पत्रों और मीडिया की सुर्खियों बने रहने का एक तरीका है।
– वह भारतीय पुलिस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी हैं।
– उनके कार्य व्यवहार और मर्यादित आचरण की अपेक्षा जन सामान्य को रहती है।
– इस प्रकार उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों के लि‍हाज से मुलायम सिंह यादव के विरुद्ध धमकी देने का अपराध साबित नहीं हो रहा है।
– लिहाजा जांच द्वारा अंतिम रिपोर्ट समाप्त की जाती है।

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