जानें कैसे हुई थी स्थापना, यह है काशी का ‘पाकिस्तान मंदिर’…
वाराणसी. वाराणसी डेवलपमेंट अथॉरिटी (वीडीए) ने शीतला घाट पर स्थित महादेव मंदिर का नाम ‘पाकिस्तान मंदिर’ कर दिया है। श्रम संविदा कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष और सपा के पूर्व मंत्री शतरुद्र प्रकाश ने इस मामले को उठाया है। आइए जानते हैं कैसे हुई थी मंदिर की स्थापना…
मंदिर के केयर टेकर अजय शर्मा के अनुसार, यह प्रॉपर्टी बूंदी स्टेट के राजा की थी। गोपाल महाराज नाम के एक व्यक्ति ने देखा कि पुल से कोई मूर्ति को गंगा में फेंक रहा है। जानकारी मांगने पर उसने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद वह इसे लेकर लाहौर से आए हैं। इसके बाद उसी समय शीतला घाट पर शिवलिंग को स्थापित किया गया और इसे पाकिस्तान महादेव मंदिर कहा जाने लगा।
गंगा में बहाना चाहते थे शिवलिंग
स्थानीय पूर्व पार्षद घनश्याम सिंह ने बताया कि 1947 में बंटवारे के समय एक परिवार आया था। वे शिवलिंग को नाव से बहाना चाहते थे। घाट पर बैठे कुछ लोगों ने शिवलिंग को गंगा में बहाने से मना कर दिया और वहीं स्थापित करवा दिया। संगमरमर के सफेद शिवलिंग में त्रिनेत्र बना हु्आ है।
लाहौर से लेकर आए थे दादा
– गायत्री देवी ने बताया कि उनके दादा जमुना दास और निहाल चंद यह शिवलिंग बंटवारे के बाद लाहौर से लेकर आए थे।
– मंदिर का वर्तमान में पाकिस्तान से कोई लेना देना नहीं है।
– उनके पूर्वज शिवलिंग को गंगा में बहाना चाहते थे, लेकिन स्थानीय लोगों ने जगह देकर इसे स्थापित किया।
वीडीए की लिस्ट में है मंदिर का उल्लेख
– गंगा किनारे अवैध निर्माण पर 23 जून 2015 को 579 भवनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
– इस लिस्ट में क्रम संख्या 382 पर पाकिस्तान मंदिर का उल्लेख है।
– इसे वीडीए के कोतवाली जोन में शीतला घाट पर दर्शाया गया है।
बंगाल विभाजन के समय हुआ था मंदिर का निर्माण
शतरुद्र प्रकाश ने बताया कि बंगाल के विभाजन के समय पूर्वी बंगाल भारत का हिस्सा था। उस समय शीतला घाट पर वहां की जानकी देवी ने शंकर महादेव का मंदिर बनवाया था। उसे पाकिस्तान का मंदिर नहीं घोषित किया जा सकता। उन्होंने वीडीए से पूछा है कि क्या पाकिस्तान के राष्ट्रपति को इस बारे में नोटिस भेजा गया है।
क्या कहते हैं वीडीए के अधिकारी
वीडीए कोतवाली जोनल प्रभारी डीके सिंह ने बताया कि सर्वे के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा मंदिर का नाम यही बताया गया था। उसी आधार पर नोटिस जारी किया गया होगा।