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जम्मू -कश्मीर लिखेगा विकास की नई गाथा – Prime Minister Narendra Modi

जम्मू –Prime Minister Narendra Modi ने रविवार को दिल्ली -अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी और सांबा में 108 जन औषधि केंद्रों के साथ पल्ली गांव में 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश भर से जुड़े साथियों को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज जम्मू-कश्मीर के विकास को गति देने के लिए ये बहुत बड़ा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न ये भू-भाग मेरे लिए नया है, और न मैं आप लोगों के लिए नया हूं। मैं यहां की बारिकियों से अनेक वर्षों से परिचित रहा हूं। मेरे लिख खुशी की बात है कि आज यहां कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े 20,000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न ये भू-भाग मेरे लिए नया है, और न मैं आप लोगों के लिए नया हूं। मैं यहां की बारिकियों से अनेक वर्षों से परिचित रहा हूं। मेरे लिख खुशी की बात है कि आज यहां कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े 20,000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि आज अनेक परिवारों को गांवों में उनके घर के प्रॉपर्टी कार्ड भी मिले हैं। 100 जनऔषधि केंद्र जम्मू कश्मीर के गरीब और मिडिल क्लास को सस्ती दवाएं, सस्ता सर्जिकल सामान देने का माध्यम बनेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार पंचायती राज दिवस जम्मू कश्मीर में मनाया जाना एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। ये गर्व की बात जब लोकतंत्र जम्मू कश्मीर में ग्रास रूट तक पहुंचा है, तब यहां से मैं देशभर की पंचायतों से संवाद कर रहा हूं।

नागरिकों को सशक्त बनाने का किया काम !

उन्होंने कहा कि पिछले 2-3 सालों में जम्मू कश्मीर में विकास के नए आयाम स्थापित हुए हैं। केंद्र के करीब 175 कानून जो यहां लागू नहीं किए जाते थे। हमने जम्मू कश्मीर के हर नागरिक को सशक्त बनाने के लिए उन कानूनों को लागू कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दशकों-दशक से जो बेड़ियां वाल्मीकि समाज के पांव में डाल दी गई थीं, उनसे वो मुक्त हुआ है। आज हर समाज के बेटे-बेटियां अपने सपनों को पूरा कर पा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में बरसों तक जिन साथियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला, अब उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिल रहा है।

तेजी से लागू हो रहीं केंद्र की योजनाएं

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं अब यहां तेजी से लागू हो रही हैं। जिसका सीधा फायदा जम्मू कश्मीर के गांवों को हो रहा है। बिजली कनेक्शन हो, पानी कनेक्शन हो, स्वच्छ भारत अभियान के तहत टॉयलेट्स हो, इसका बड़ा लाभ जम्मू कश्मीर को मिला है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल यानी आने वाले 25 वर्षों में नया जम्मू कश्मीर विकास की नई गाथा लिखेगा। आजादी के 7 दशकों के दौरान जम्मू कश्मीर में मात्र 17,000 करोड़ रुपए का ही प्राइवेट इंवेस्टमेंट हो पाया था। पिछले 2 साल में ये आंकड़ा 38,000 करोड़ रुपए पहुंचा है।

मैं आपको करके दिखाऊंगा

उन्होंने कहा कि कभी दिल्ली से एक सरकारी फाइल चलती थी, तो जम्मू कश्मीर पहुंचते-पहुंचते 2-3 हफ्ते लग जाते थे। मुझे खुशी है कि आज 500 किलो वॉट का सोलर पावर प्लांट सिर्फ 3 हफ्ते के अंदर यहां लागू हो जाता है,

बिजली पैदा करना शुरु कर देता है। उन्होंने कहा कि मैं जम्मू कश्मीर के नौजवानों से कहना चाहता हूं कि आपके माता-पिता, दादा-दादी और नाना-नानी को जिन मुसीबतों के साथ जिंदगी जीनी पड़ी। आपको कभी भी ऐसी जिंदगी जीनी नहीं पड़ेगी, ये मैं आपको करके दिखाऊंगा।

इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब बनिहाल कांजीगुंड टनल से जम्मू और श्रीनगर की दूरी 2 घन्टे कम हो गई है। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला को लिंक करने वाला आकर्षक आर्क ब्रिज भी जल्द देश को मिलने वाला है।

दिल्ली -अमृतसर -कटरा हाइवे भी दिल्ली से मां वैष्णो देवी के दरबार की दूरी को बहुत कम करने वाला है।उन्होंने कहा कि आजादी का ये अमृतकाल भारत का स्वर्णिम काल होने वाला है। ये संकल्प सबका प्रयास से सिद्ध होने वाला है। इसमें लोकतंत्र की सबसे जमीनी इकाई, ग्राम पंचायत की, आप सभी साथियों की भूमिका बहुत अहम है।

उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश यही है कि गांव के विकास से जुड़े हर प्रोजेक्ट को प्लान करने और उसके अमल मे पंचायत की भूमिका ज्यादा हो। इससे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में पंचायत अहम कड़ी बनकर उभरेगी। पंचायतों को ज्यादा अधिकार देने का लक्ष्य, पंचायतों को सही मायने में सशक्तिकरण का केंद्र बनाने का है। पंचायतों की बढ़ती हुई शक्ति, पंचायतों को मिलने वाली राशि, गांवों के विकास को नई ऊर्जा दे।

इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गांव में हर स्तर पर बहनों, बेटियों की भागीदारी को बढ़ाना है, उन्हें प्रोत्साहन देना है। भारत की ग्रांम पंचायतों के पास फंड्स का एक लोकल मॉडल भी होना चाहिए। पंचायतों के संशोधनों का कार्मशियल इस्तेमाल कैसे किया जा सके, इसका जरूर प्रयास होना चाहिए।

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