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जमीन, समुद्र में अतिक्रमण का विरोध करता रहेगा भारत: रक्षा सचिव

पणजी. रक्षा सचिव अजय कुमार ने सोमवार को कहा कि भारत क्षेत्र में शांति के लिए सभी इच्छुक देशों के साथ काम करेगा और तथा जमीन एवं समुद्र पर अतिक्रमण के प्रयासों का विरोध करना जारी रखेगा. कुमार ने कोविड-19 महामारी (से लड़ने में भारतीय नौसेना के योगदान की सराहना की और कहा कि यह न केवल समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में सतर्क रही, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईसीआर) के बड़ी संख्या में तटीय देशों को सहायता प्रदान करने के लिए भी अतिरिक्त प्रयास किया. वह यहां नेवल वार कॉलेज, गोवा के तत्वावधान में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित ‘गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव (जीएमसी)-2021’ के तीसरे संस्करण को संबोधित कर रहे थे.

जीएमसी-21 का विषय ‘समुद्री सुरक्षा और उभरते गैर पारंपरिक खतरे: हिंद महासागर क्षेत्र की नौसेनाओं के लिए अग्रसक्रियता का मामला’ है. कुमार ने महामारी से लड़ने में भारतीय नौसेना के योगदान की सराहना की. उन्होंने चक्रवातों और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान समुद्र में कीमती जान बचाने के लिए भी नौसेना की सराहना की. वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा कि सशस्त्र बलों में, नौसेना की न केवल सुरक्षित और शांतिपूर्ण समुद्री मार्ग सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है, बल्कि यह मानव निर्मित या प्राकृतिक आपदा स्थितियों में मानवीय संकटों पर भी प्रतिक्रिया जताती है.

भारतीय नौसेना द्वारा गोवा में आयोजित किये जा रहे समुद्री सम्मेलन में हिंद महासागर क्षेत्र के 12 देशों के नौसेना प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं. इनमें बांग्लादेश, कोमोरोस, इंडोनेशिया, मलेशिया, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, म्यांमा, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं

केरल तट के नजदीक मौजूद देश में ही विकसित विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत और उसके समुद्री परीक्षण की प्रगति की समीक्षा की जा रही है. नौसेना की ओर से यहां जारी बयान के मुताबिक यह युद्धपोत 24 अक्टूबर को दूसरे समुद्री परीक्षण के लिए समुद्र में रवाना हुआ था. बयान में कहा गया कि कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) द्वारा अप्रैल 2022 में पोत को समय पर सौंपने की समयसीमा सुनिश्चित की गई है. इसे अगस्त 2022 को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जा सकेगा. बयान में कहा गया कि दूसरे चरण के परीक्षण में पोत की प्रणोदक प्रणाली, बिजली और इलेक्ट्रानिक प्रणाली, डेक पर लगे मशीनों, जीवन रक्षक उपकरणों और अन्य प्रणाली को परखा जा रहा है.

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