छावनी बोर्ड के तहत आने वाली सड़कों के नाम भारतीय सैनिकों के नाम

नई दिल्ली. देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन अब भी कई ऐसी चीजें हैं जो कि ब्रिटिश क्राउन और उनके अधिकारियों की छाप छोड़ते हैं. इनमें सड़कें और इमारतें भी हैं. इसी तरह की सड़कें और इमारतें आज भी रक्षा मंत्रालयके आधीन आने वाली छावनी परिषद यानी की कैंटोनमेंट बोर्ड में भी आती है लेकिन अब जल्द ही अंग्रेज अधिकरियों के नाम वाली सड़कें और इमारतों का नाम बदला जाएगा और उसकी जगह भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों के नाम से वो इमारतें और सड़कें जानी जाएगी. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस स्टेटस डायरेक्टर यानि रक्षा सम्पदा महानिदेशालय के 96वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में इस बात का एलान किया.
रक्षामंत्री ने कहा कि हमारी स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगांठ में छावनियों में कई सड़कें और भवन है जिनका नाम ब्रिटिश क्राउन के वफादार ब्रिटिश अधिकारियों और सैनिकों के नाम पर है. मैं ये सुझाव देना चाहूंगा कि रक्षा मंत्रालय और डीजीडीई इस बात पर विचार करें कि ऐसे हमारे बहादुर सैनिकों और आधुनिक भारत के निर्माताओं के नाम पर रखा जाना चाहिए और इस काम बहुत जल्द पूरा किया जाना चाहिए. चूंकि नाम बदलने को लेकर होने वाले विवाद को ध्यान में रखकर रक्षामंत्री ये कहना नहीं भूले कि जब मैं ये कह रहा हूं, तो मैं ये स्पष्ट करना चाहता हूं कि इतिहास से छेड़छाड़ करने और किसी दुर्भावना और संकीर्ण मानसिकता से प्रेरित होकर नहीं कह रहा हूं.
साथ ही रक्षामंत्री ने यह भी हिदायत दी कि नाम बदलते हुए ये भी ध्यान रखें कि किसी भी ब्रिटिश अफसर ने देश क्षेत्र की जनता के लिए अच्छा काम किया है. आगामी पीढ़ी से उनकी पहचान कराई जाए और उनके नाम सम्मान पूर्व यथावत रखा जाए. इससे ये साफ है कि आने वाले दिनों में सड़कों और इमारतों के नाम बदलने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है, क्योंकि रक्षामंत्री ने इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा है. फिलहाल देश में कुल 62 कैंटोनमेंट बोर्ड यानी कि छावनी परिषद है और ये रक्षा सम्पदा महानिदेशालय के अधीन है. इसके अलावा देशभर में रक्षा मंत्रालय की करीब 18 लाख एकड़ की जमीन भी डिफेंस एस्टेट्स डायरेक्टरेट के अंतर्गत आती है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा संपदा महानिदेशालय के 96वें स्थापना दिवस के मौके पर अच्छा काम करने के लिए अलग-अलग कैंटोनमेंट बोर्ड को सम्मानित भी किया. इसमें दिल्ली कैंट को सभी 62 छावनियों में सबसे स्वच्छ होने के लिए रक्षा मंत्री पुरस्कार दिया गया तो वही पुणे को हॉस्पिटल के रखरखाव और मेडिकल सुविधाओं के लिए सम्मानित किया गया. कसौली छावनी को डिजिटल क्षेत्र में सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया. इस मौके पर बोलते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को भी याद किया और डिफेंस स्टेट संबंधी बातचीत को भी साझा किया. रक्षामंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत की कमी का एहसास हो रहा है. रक्षा संपदा से संबंधित चुनौतियों की बात करते थे, लेकिन अब वो हमारे बीच नहीं है ये हम सबके साथ साथ देश की सबसे बड़ी क्षति है. डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस को जिस काम के लिए बनाया गया है उस काम को जल्द से जल्द पूरा करना है और इसमें रक्षा संपदा विभाग को भी अपनी अहम भूमिका निभानी है.