उत्तर प्रदेशप्रमुख ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़शिक्षा - रोज़गार

छात्रवृति घोटालाः जनपद के 50 और आईटीआई पर हो सकती है जल्द कार्रवाही!

-62 आईटीआई के खिलाफ दर्ज हो चुकी है एफआईआर, रिकवरी के आदेश

-जनपद में 184 प्राइवेट, चार सरकार आईटीआई संस्थान हैं

-विधायक पूरन प्रकाश ने अपनी बल्देव विधानसभा की आईटीआई का उठाया था मामला

मथुरा। 62 आईटीआई के खिलाफ कार्रवाही जारी है। एफआईआर के बाद अब वसूली के आदेश भी हो चुके हैं। वहीं 50 और आईटीआई पर जल्द कार्रवाही हो सकती है। जांच में इनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत मिले हैं। छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति हड़पने की जांच में दोषी पाये गये आईटीआई के खिलाफ कार्रवाही से हडकंप मचा हुआ है। कार्रवाही की जद में आये अधिकांश संस्थान बल्देव क्षेत्र के हैं। बल्देव विधान सभा क्षेत्र के विधायक पूरन प्रकाश ने इस मामले को विधान सभा में उठाया था। इसके बाद भी लगातार ऐसे संस्थानों की जांच कराने आर कार्रवाही किये जाने के लिए लिखापढी करते रहे थे। हालांकि इस बीच विधायक पूरन प्रकाश को कडा विरोध भी झेलना पडा था। जांच की जद में आये और उनके सहयोगी आईटीआई संस्थानों के संचालकों ने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बाकायदा आंदोलन का बिगुल फूंका था, कलक्ट्रेट पर विधायक की बुद्धि शुद्ध के लिए हवन भी किया गया था। हालांकि यह आंदोलन ज्यादा आगे नहीं बढ सका। थाना सदरबाजार में जिला समाजकल्यण अधिकारी की ओर से 62 आईटीआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गयी है। छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल 62 आईटीआई संस्थानों में से कई संस्थानों का संचालन राजनीतिक दलों के पदाधिकारी तथा उनके रिश्तेदार करते हैं। अपने रसूख के चलते छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों रुपये की कमाई इन लोगों ने की है। अब रिकवरी को लेकर संचालकों में खलबली मची है। मथुरा जिले में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के 23 करोड़ रुपये के घोटाले में फंसे 62 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से शीघ्र रिकवरी की जाएगी। शासन स्तर से गठित समिति की जांच में घोटाले की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन को रिकवरी के आदेश किए गए हैं। जिले में 184 प्राइवेट और चार सरकारी आईटीआई संस्थान हैं। सत्र 2015-16 से 2019-20 तक सौ से अधिक आईटीआई संस्थानों पर छात्रवृत्ति का घोटाला करने के आरोप लगे। शासन स्तर पर गठित समिति ने इस मामले की जांच की। सभी को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया। उधर, समिति ने जिला प्रशासन को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। घोटाले में शामिल 62 संस्थानों में 11 ऐसे हैं, जो गैर मान्यता प्राप्त हैं। संस्थानों के संचालकों और अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाला किया गया है। फिलहाल रिकवरी के लिए फर्जी संस्थानों के संचालकों तक पहुंचना प्रशासन के लिए चुनौती होगा। चर्चा है कि अभी 50 और संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।

 

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button