अंतराष्ट्रीय

चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर तालिबान का कब्जा

काबुल. तालिबान ने बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ पर कब्जा कर लिया है. अफगान सांसद ने इस बात की जानकारी दी. सांसद ने बताया कि विद्रोहियों की ओर से शुरू किए गए बहुपक्षीय हमले के बाद अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया. बल्ख के सांसद अबास इब्राहिमजादा ने कहा कि सबसे पहले प्रांत की राष्ट्रीय सेना ने सरेंडर किया, जिसके बाद सरकार के समर्थन वाली सेना और अन्य बलों का मनोबल टूट गया और उन्होंने भी आत्मसमर्पण कर दिया.

सांसद ने बताया कि प्रांत की सभी इमारतों खासकर कि राजभवन को भी तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया है. वहीं, तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के निकट पहुंच गया है. उसने उत्तरी फरयाब प्रांत की राजधानी मैमाना पर भी कब्जा कर लिया है. प्रांत की एक सांसद फौजिया रऊफी ने यह जानकारी दी.. मैमाना का तालिबान ने एक महीने से घेरा डाल रखा था और तालिबान लड़ाके कुछ दिन पहले शहर में घुसे थे. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने विरोध किया लेकिन आखिरकार शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया.

अफगानिस्तान से अमेरिका की पूर्णतया वापसी में तीन सप्ताह से भी कम समय शेष बचा है और ऐसे में तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. इसके कारण यह आशंका बढ़ गई है कि तालिबान फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर सकता है या देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है.

इससे पहले, लोगार से सांसद होमा अहमदी ने शनिवार को बताया कि तालिबान ने पूरे लोगार पर कब्जा कर लिया है और प्रांतीय अधिकारियों को हिरासत में ले लिया. उन्होंने बताया कि तालिबान काबुल के दक्षिण में मात्र 11 किलोमीटर दूर चार असयाब जिले तक पहुंच गया है.

आतंकवादियों ने पाकिस्तान की सीमा से लगे पक्तिया की राजधानी पर भी कब्जा कर लिया. यह जानकारी प्रांत से सांसद खालिद असद ने दी. उन्होंने बताया कि गवर्नर एवं अन्य अधिकारियों ने आत्मसमर्पण कर दिया और वे काबुल जा रहे हैं.

पड़ोसी पक्तिका प्रांत के एक सांसद सैयद हुसैन गरदेजी ने कहा कि तालिबान ने स्थानीय राजधानी गरदेज के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है लेकिन सरकारी बलों के साथ लड़ाई जारी है. तालिबान ने कहा कि शहर पर उनका कब्जा हो गया है.

इस बीच, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि वह 20 वर्षों की “उपलब्धियों” को बेकार नहीं जाने देंगे. उन्होंने कहा कि तालिबान के हमले के बीच ‘विचार-विमर्श’ जारी है. उन्होंने शनिवार को टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया. हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाए जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है.

अमेरिका ने इस हफ्ते कतर में सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता जारी रखी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चेतावनी दी है कि बलपूर्वक स्थापित तालिबान सरकार को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

गनी ने कहा, ‘‘हमने सरकार के अनुभवी नेताओं, समुदाय के विभिन्न स्तरों के प्रतिनिधियों और हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है.’’ उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी, लेकिन कहा, ‘‘जल्द ही आपको इसके परिणाम के बारे में बताया जाएगा.’’

गनी मजार-ए-शरीफ को बचाने की कोशिशों के तहत बुधवार को शहर गए थे और उन्होंने हजारों लड़ाकों की कमान संभालने वाले अब्दुल राशिद दोस्तम और अता मोहम्मद नूर समेत सरकार से संबद्ध कई मिलिशिया कमांडरों के साथ बैठक की थी.

ये मिलिशिया कमांडर सरकार की ओर हैं, लेकिन अफगानिस्तान में पहले हुई लड़ाइयों में क्षत्रपों को अपने बचाव के लिए पाला बदलने के लिए जाना जाता रहा है.

तालिबान ने देश के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहरों हेरात और कंधार समेत कई स्थानों पर अपना कब्जा कर लिया है. देश के 34 में से 18 प्रांतों पर उसका कब्जा

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