लखनऊ

चुनाव में अवैध शराब की तस्करी के मद्देनजर आबकारी विभाग ने बढ़ायी सतर्कता

लखनऊ। आगामी या फिर हालिया माहौल को देखकर यह भी कहा जा सकता है कि संभावित यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर जहां चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार की सभी प्रशासनिक तंत्र को कसना शुरू कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर चुनावों में शराब की तस्करी व अवैध शराब की आमद व सप्लाई को लेकर सूबे के आबकारी विभाग ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। बता दें कि अक्सर यह देखने में आता है कि जब भी कोई चुनाव आना होता है तो पहले से ही तमाम शराब माफिया अपने-अपने अलग-अलग सिंडिकेट व नेटवर्क के जरिये अवैध शराब की सप्लाई जहां-तहां करने में लग जाते हैं। हालांकि विगत कुछ समय से यूपी की आबकारी प्रवर्तन टीम ने सूबे में कई स्थानों पर अवैध शराब की बड़ी खेप को ध्वस्त किया है। मगर विभागीय जानकारों की मानें इन सबके बावजूद चुनावों के दौरान अवैध शराब की सबसे अधिक आमद प्रदेश में हरियाणा व नेपाल बॉर्डर के जरिये होती है क्योंकि यहां की शराब यूपी से काफी सस्ती होती है। वैसे भी बीते कुछ माह पहले की बात करें तो राजधानी लखनऊ में ही एक कार में स्थानीय आबकारी व टैÑफिक टीम ने मिलकर हरियाणा मेड की कई बोतलें अवैध शराब की पकड़ी थीं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो उपरोक्त परिस्थितियों को गंभीरता से लेते हुए खासकर हरियाणा-यूपी बॉर्डर इलाके के आसपास जो भी जनपद व पश्चिमी क्षेत्र हैं वहां के स्थानीय आबकारी अधिकारियों को सक्रियता बरतने को कहा गया है। यानी मेरठ जोन के ऐसे सभी इलाकों में सतर्कता बनाये रखने के निर्देश दिये गये हैं। इसी प्रकार नेपाल-बिहार-गोरखपुर बॉर्डर पर भी अलर्ट बढ़ा दिया गया है। इनका तो यह भी कहना रहा कि अब तो इसी सतर्कता को बढ़ाने के मद्देनजर लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आबकारी आयुक्त कार्यालय में एक कंट्रोल सेंटर भी बनाया जा रहा जहां से खुद आयुक्त सीसीटीवी कैमरे के जरिये सूबे के सभी अन्तर्राज्यीय व चिन्हित 32 चेक पोस्टों पर नजर रखेंगे। आबकारी आयुक्त सी. सैंथिल पॉडिंयन का कहना रहा कि किसी भी स्थिति में अवैध शराब को सूबे में इंट्री नहीं होने दिया जायेगा। आगे बताया कि चुनाव को देखते हुए अब तो यमुनानगर व सहारनपुर क्षेत्र से जो भी टेÑनें आ रही हैं, उस पर भी निगरानी रखने को कहा गया है। आबकारी आयुक्त ने जानकारी दी कि इसके अलावा सभी ज्वाइंट, डिप्टी व डीईओ अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया गया है कि उनके स्थानीय व क्षेत्रायी आबकारी निरीक्षक लगातार गांव-देहात में प्रधानों व सचिवों के साथ संवाद बनाये रखें। साथ ही लोकल पुलिस के साथ भी तालमेल बनाये रखें ताकि अवैध शराब का जाल किसी भी स्तर से नहीं फैलने पाये।

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