अंतराष्ट्रीय

चीन को सत्ता रहा है अलग थलग पड़ने का डर क्यों ?

बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर संवाद के लिए अपने देश की सरकारी मीडिया और राजनयिकों से नरम रुख बरतने की अपील की है जिसमें खुलापन हो। पर्यवेक्षकों का मानना है कि कोविड-19 के कारण बीजिंग के अलग-थलग पड़ने को देखते हुए यह विरल स्वीकारोक्ति है। ‘चेयरमैन’ माओ त्से तुंग के बाद शी (67) की चीन के सबसे शक्तिशाली नेता की छवि है। उन्होंने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के पोलित ब्यूरो के समूह अध्ययन सत्र के दौरान कहा कि चीन की बातों को बेहतर तरीके से बताने के लिए नई संकल्पना, क्षेत्र और अभिव्यक्ति का निर्माण किया जाना चाहिए।

शी ने कहा कि संदेश को नरमी एवं विनम्रता से कहे जाने की आवश्यकता है। भाषण पर सरकारी ‘चाइना डेली’ ने लिखा कि शी ने कहा कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे खुलापन, विश्वास हो और इसे नरमी एवं विनम्रता से कही जाए। इसने बताया कि चीन को ऐसी आवाज की जरूरत है जो इसके राष्ट्रीय ताकत और अंतरराष्ट्रीय स्थिति के अनुकूल हो। उन्होंने चीनी संस्कृति को विदेशों में प्रसारित करने के प्रयास पर जोर दिया और कहा कि कम्युनिस्ट देश की विश्वसनीय, प्रशंसनीय और सम्मानीय छवि बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। शी के हवाले से बताया गया, ‘यह आवश्यक है कि दोस्त बनाए जाएं, एकजुट होकर बहुमत का दिल जीता जाए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोस्तों को लगातार बढ़ाया जाए।’
यह पूछने पर कि क्या शी के बयानों के परिप्रेक्ष्य में कूटनीतिक प्रयासों में चीन अलग रूख अपनाने जा रहा है तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि बयान चीन के ‘शांतिपूर्ण विकास’ के मुताबिक था। उन्होंने कहा, ‘मैं बताना चाहता हूं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रचार कार्यों को बढ़ाने एवं सुधारने से चीन को अपने सुधार एवं विकास के लिए अनुकूल बाह्य माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी।’

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button