चीन को जवाब!भारतीय सेना ने 14 हजार फीट की ऊंचाई पर किया एयर ड्रॉप

नई दिल्ली. भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में विवाद को चीन 18 महीने पहले हवा दे चुका है. चीन और उसकी सेना की फितरत के बारे में भारतीय सेना पिछले कई दशकों से वाक़िफ़ है, लिहाजा भारत ने कभी अपनी सैन्य तैयारियों को कम नहीं किया. नतीजा ये की चीन को उसकी हिमाकत का माकूल जवाब दिया. भारतीय सेना अब भी लगातार अपने सैन्य अभ्यास को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास जारी रखे हुए हैं चाहे वो पूर्वी लद्दाख हो या फिर भारत का पूर्वी सेक्टर. इसी कड़ी में भरतीय सेना लद्दाख में अपने सेना के रैपिड रिसपॉन्स को परख रही है. भारतीय सेना के शत्रुजीत ब्रिगेड ने कॉम्बेट कैपेबिलिटी को आज़माने के लिए अभ्यास शुरू किया है.
सोमवार को भारतीय सैनिकों को 14 हजार फीट की ऊंचाई पर एयर ड्रॉप किया गया. ये अभ्यास इसलिए भी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि जहां इन सैनिकों को ड्रॉप किया गया वहाँ तापमान -20 डिग्री के क़रीब था. उन इलाक़ों पर विमानों के ज़रिए इन सैनिको को एयर ड्रॉप किया गया और जो जगह तय की गई थी सटीक उसी जगह सेना के जवान अपने पूरे बैटल लोड के साथ सफलतापूर्वक उतरे.
ये अभ्यास इसलिए ज़रूरी है क्योंकि इस तरह की ड्रिल दुश्मन के लिए एक सप्राइज एलिमेंट होता है और जंग की सूरत में भारतीय सेना को दुश्मन को कमजोर करने के लिए उनकी सप्लाई लाइन को उन्हीं के इलाके में जाकर कट करना हो तो सैनिकों को हज़ारों फ़िट की उंचाई से उनके इलाक़े में एयर ड्राप किया जाता है जिसे ऑप्रेशन बिहाइंड द एनेमी लाईन के नाम से भी जाना जाता है.
भारतीय वायुसेना के सी-130 और एएन-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए सैनिकों के साथ, खास व्हिकल और मिसाइल डिटेचमेंट को पांच अलग अलग माउंटेन बेस पर ड्रॉप किया गया. इस इलाक़े में विषम परिस्थितियों में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सैनिकों को ख़ास तौर पर तैयार किया जाता है. ये सैनिक पहले से ही हाई एल्टीट्यूट के लिए एक्लेमटाइज थे.
एक्सरसाइज में ऑक्सिजन कॉम्बेट फ्री फॉल जंप, इंटीग्रेटेड बैटल ड्रिल जिसमें एयरबॉर्न फ़ोर्स, मैकेनाइजड कॉलम और अटैक हैलिकॉप्टर भी इस अभ्यास का हिस्सा है. एक्सरसाइज अभी जारी है, चूंकि चीन भी तिब्बत में इसी तरह का अभ्यास कर रहा है और चीन की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए भी भारतीय सेना ने अपनी कमर कस ली है.