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चीन का काल बन रहे बलूचिस्तान के विद्रोही !!

बलूचिस्तान के विद्रोहियों ने पाकिस्तान और चीन की नाक में दम कर रखा है। बलूचिस्तान के विद्रोहियों ने मिलकर एक नई सेना का भी गठन किया है जिसका नाम ‘बलोच नेशनलिस्ट आर्मी’ (बीएनए) रखा है। ये सेना शहर से लेकर कबायली इलाकों तक पाकिस्तान को परेशान करने का एक अवसर नहीं छोड़ रही है। हाल ही में इस सेना ने ईरान से लगने वाली सीमा पर 10 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बलूचों की सेना ने एक बड़ा बम विस्फोट किया था। दिनों दिन बलूचों की सेना मौजबूत होती जा रही है जिससे चीन की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है।

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यूनाइटेड बलूच आर्मी और बलूच रिपब्लिकन आर्मी का विलय

इसी महीने यूनाइटेड बलूच आर्मी और बलूच रिपब्लिकन आर्मी का पाकिस्तान और चीन के खिलाफ विलय हुआ है। इस विलय के बाद ही बलूच नेशनलिस्ट आर्मी का गठन किया गया और इसी धड़े ने पंजाब के लाहौर में हुए बम ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थी। 20 जनवरी को लाहौर में हुए विस्‍फोट में 3 लोगो की मौत हुई थी जबकि 20 अन्‍य घायल हो गए थे।

बता दें कि पाकिस्तान में काफी लंबे समय से बलूच अलगाववादी अपनी आजादी की जंग लड़ रहे हैं। पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ ये लड़ाई अब अपने नए चरण पर पहुँच गई है।

चीन के हितों पर प्रहार- BNA बलूचिस्तान की दो सबसे बड़ी जनजातियों मैरिस और बुगटिस के एक साथ आने का भी प्रतीक है। ये वो जनजातियाँ हैं जो ऐतिहासिक रूप से हमेशा एक दूसरे की दुश्मन रही हैं। इसी स्पष्ट है कि बलूचिस्तान के अलगाववादी किस हद तक चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहते हैं।

इन विद्रोहियों के निशाने पर शुरू से ही जिनपिंग का ड्रीम प्रॉजेक्‍ट सीपीईसी रहा है जो बेल्‍ट एंड रोड प्रॉजेक्‍ट का एक अहम हिस्सा है।

तालिबान की जीत से बलूचों को एक नई ऊर्जा मिली- दरअसल, अफगानिस्तान में जिस तरह से तालिबान ने सत्ता हासिल की है उससे बलूचों को एक नई ऊर्जा मिली है। बलूच आर्मी लगातार अपनी पहुँच को पाकिस्तानी के पंजाब प्रांत में बढ़ा रही है और चीनी हितों पर वार कर रही है।

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