बिहार

चीन और पाक की साजिस से बिहार में पांव पसार रहा है इंडियन मुजाहिद्दीन

पूर्णिया:नेपाल में शरण लेकर इंडो-नेपाल के सीमाई इलाकों के अलावा बिहार-बंगाल के कुछ इलाकों में वर्ष 2022 में दो सौ से अधिक स्लीपर सेल के सदस्यों के रूप में तैयार करने का टारगेट इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) ने रखा है। इस तरह की खुफिया जानकारी मिलने के बाद गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी गई है।
इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित कुछ संदेहास्पद लोगों की सूची भी एसएसबी के द्वारा गृह मंत्रालय को भेजी गई है। इस तरह की सूचना प्राप्त होने के बाद सीमाई इलाकों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर एसएसबी जवानों के द्वारा निगरानी रखी जा रही है।

नेपाल में बैठे आईएसआई के एजेंट के द्वारा फंडिंग भेजी जाती है। सीमाई इलाके के बेरोजगार और नाबालिग को बहकावे में लेकर स्लीपर सेल के सदस्यों के तौर पर तैयार किया जा रहा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि आईएसआई के एजेंट शुरुआती दिनों में युवाओं को अपने जाल में फांसने के लिए सभी तरह की सुविधा मुहैया करवाता है। हाल के दिनों में जोगबनी इंट्री ग्रेटेड चेक पोस्ट के समीप पकड़ाई उज़्बेकिस्तान की युवतियों ने भी जांच एजेंसी को कई तरह की गुप्त जानकारी दी थी। स्लीपर सेल के सदस्य के रूप में काफी संख्या में अफगानी नागरिक भी सिमाई इलाकों में पिछले कई सालों से सक्रिया रहा है।
आईडी भी तैयार करवा लेते हैं। कटिहार से फरार हुए आठ से अधिक अफगानी नागरिक तमाम कोशिशों के बावजूद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया। जबकि खुफिया विभाग के अधिकारियों का दावा है कि कटिहार से फरार हुए अफगानी नागरिक इंडो-नेपाल के सिमाई इलाकों में ही अपनी जगह बना कर रखा है।

भारत विरोधी शक्तियों के खिलाफ काम करने वाले लोग जो आम लोगों के बीच घुल मिलकर रहते हैं। लेकिन वह गाइड अपने आका के द्वारा होता है। समय-समय पर स्लीपर सेल के सदस्यों को गुप्त जानकारी के अलावा सामाजिक, समीकरण जनसंख्या, नाबालिग, युवकों की संख्या और जाती के अलावा गरीब लोगों की भी जानकारी मांगी जाती है। आम लोगों के बीच रहने की वजह से स्थानीय प्रशासन को भी ऐसे स्लीपर सेल के सदस्यों को पहचानना काफी चुनौती भरा काम होता है।

आईएसआई एजेंट के सरगना काफी मात्रा में नकली भारतीय करेंसी भी नेपाल में स्टॉक कर रखा है। ऐसा कोई महीना नहीं होता है कि जब अररिया जिला की पुलिस और एसएसबी के जवान नकली करेंसी को नहीं जब्त करता है। सबका कनेक्शन नेपाल से ही मिलता है। बताया जाता है उत्तर भारत के क्षेत्रों में नकली नोट भेजने के लिए सीमांचल के इलाकों का ही उपयोग करता है।हाल के कुछ वर्षों ने नेपाल में चीन की दखअंदाज़ी काफी बढ़ा है। बताया जाता है कि चीन के ऐसे लोग जो इन दिनों नेपाल अड्डा जमाए हुए वह भारत विरोधी काम करने वाले संगठन को बढ़ावा दे रहे हैं। इस वजह से हरकत वक्त भारतीय सुरक्षा एजेंसी हरकत में रहती है। किसी भी तरह की गुप्त सूचना मिलने पर तुरंत इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जाती है और उसका फॉलोअप भी किया जाता है। चीन के द्वारा लगातार खासकर भारतीय इलाके से सटे क्षेत्रों कई तरह के काम नेपाल की जनता और सरकार को विश्वास में लेकर की जा रही है। इस बात का विरोध नेपाल की जनता और भारतीय भी कर चुके हैं।

 

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