चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्यों के साथ की विभागीय समीक्षा
प्रदेश में कोरोना संक्रमण से रिकवरी दर अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर एवं मृत्यु दर कम: सुरेश कुमार खन्ना
लखनऊ । उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से रिकवरी दर अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर एवं मृत्यु दर कम है। प्रदेश में वर्तमान में कोरोना संक्रमण से रिकवरी दर 94 प्रतिशत से अधिक है। मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 1.48 प्रतिशत से कम है। परन्तु यह समय और अधिक सावधानी रखने का है। अनेक राष्ट्रों सहित देश के कई प्रान्तों में भी कोरोना के संक्रमण के घटने के बाद पुन: बढ़ा है। आगामी सर्दियों के मौसम को देखते हुए सभी मेडिकल कालेजों में आवश्यक संसाधनों की तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री आज यहां योजना भवन में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्यों के साथ विभागीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेजों में चिकित्सक एवं स्टाफ सेवाभाव को और मजबूत करते हुए संवेदनशीलता के साथ लोगों का इलाज करें। उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए अपनेपन के साथ इलाज करें। उन्होंने सभी मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया कि प्रत्येक माह प्रथम एवं तृतीय शनिवार को सभी मेडिकल कालेजों में एथिक्स के क्लास का आयोजन आवश्यक करायें। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रयास किया है कि किसी भी मेडिकल कालेज में संसाधनों की कमी न रहे और आगे भी आवश्यक सभी प्रकार के संसाधनों की व्यवस्था सरकार द्वारा की जायेगी।
श्री सुरेश खन्ना ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए कि शासन द्वारा तय कार्यों एवं लक्ष्यों को निर्धारित समय में पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मेडिकल कालेजों में आयुष्मान कार्डधारकों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने हेतु अलग काउन्टर बनाये जाएं। एक जिम्मेदार सक्षम अधिकारी को इसका उत्तरदायित्व दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी होगी कि सभी आयुष्मान कार्डधारक मरीजों को उनका कार्ड एक्टीवेट कर इसका लाभ दिलाया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि कालेजों में छोटे-छोटे मेन्टीनेंस की शिकायतों को दूर किया जाए। कालेजों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सुपरवाइजरी अथारिटी नियमित राउण्ड लें और व्यवस्थाओं की जानकारी लें। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से प्रदेंश में नान कोविड सेवाएं बाधित हुई परन्तु अब ओ0पी0डी0 सहित सभी सेवाएं प्रारम्भ हो गई हैं। नान कोविड की सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। कहीं से भी किसी प्रकार की शिकायत आने पर संबंधित की जिम्मेदारी तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि शासन के सभी निर्देशों का पूर्णतया ईमानदारी से पालन किया जाए। उन्होंने प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया कि सभी मेडिकल कालेजों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का माह अक्टूबर तक वेतन का भुगतान कर दीपावली से पहले रिपोर्ट शासन को भेज दें।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डा0 रजनीश दुबे ने सभी मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया कि एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ द्वारा आयोजित वर्चुअल आई0सी0यू0 में अवश्य पार्टीसिपेट करें। इस कार्य में बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज गोरखपुर द्वारा की जा रही लापरवाही के दृष्टिगत कड़ी चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि सभी प्रधानाचार्य अपने मेडिकल कालेजों में एक एनेस्थेसिया एवं एक फीजीशियन की ड्यूटी लगाकर चार्ट बनाये तथा वर्चुअल आई0सी0यू0 में प्रतिभाग करायें। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी प्रधानाचार्य ई-कोविड केयर सपोर्ट सिस्टम के तहत आवश्यक कन्सलटेशन अवश्य करें यह एक महत्वपूर्ण सुविधा है। डा0 दुबे ने निर्देश दिया कि सीनियर डाक्टर्स नियमित राउण्ड लें। प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया कि निर्धारित समय में तय लक्ष्य को पूरा कराते हुए आईसीयू वेड्स एवं अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें। आगामी मौसम में मरीजों के बढऩे की संभावना के दृष्टिगत मेडिकल कालेजों में सभी तैयारियां पहले से सुनिश्चित कर ली जाएं। सभी मेडिकल कालेजों में नान कोविड केयर एवं ओपीडी प्रारम्भ हो गई है। उन्होंने प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया की ओपीडी के संबंध में प्रतिदिन नियमित रूप से रिपोर्ट महानिदेशालय चिकित्सा शिक्षा को प्रेषित की जाए। इस अवसर पर सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित गुप्ता, महानिदेशक डा0 के.के. गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।