उत्तर प्रदेश

चिकित्सकों की मेहनत से युवक टिटनेस के खतरे से आया बाहर

-चोट लगने के कारण फैल गया था इन्फेक्शन, बंद हो गया था जबड़ा

मैनपुरी । शरीर में टिटनेस फैलने के बाद जबड़ा पूरी तरह से बंद होने से परेशान युवक को मैनपुरी जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने जीवनदान देकर सराहनीय कार्य किया है। चिकित्सकों के इलाज से मरीज दोबारा बात करने लगा है। जिला अस्पताल का यह पहला मामला है, जिसमें टिटनेस के मरीज को खतरे से सुरक्षित किया गया है। एटा जिले के गांव अहिरई निवासी 35 वर्षीय सर्वेश कुमार 17 मई को गांव में ही सड़क पर गिरकर चोटिल हो गए थे। सिर में चोट लगने को हल्के में लेने के कारण धीरे-धीरे सेप्टिक बनने लगा। टिटनेस का सबसे पहले असर चेहरे पर हुआ। 23 मई को जवड़ा पूरी तरह से बंद हो गया। चेहरे की मांसपेशियां भी तिरछी होने लगी थीं। रिश्तेदारों के कहने पर परिजनों ने उन्हें जिला चिकित्सालय मैनपुरी में भर्ती कराया। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अरविंद कुमार गर्ग ने तत्काल मरीज की हालत को गंभीर देखते हुए उपचार की जिम्मेदारी वरिष्ठ सर्जन डॉ. गौरव पारीक व वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. जे.जे. राम को सौंप दी। चिकित्सकों की सलाह पर सैफई मेडिकल कॉलेज में जांच कराई गयी तो टिटनेस की पुष्टि हो गई। जिला अस्पताल के चिकित्सकों के भरसक प्रयास और लगातार उपचार के बाद अब मरीज की हालत में सुधार हुआ है। मरीज और उसके परिजनों ने जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अरविंद कुमार गर्ग के अलावा अन्य चिकित्सकों को धन्यवाद ज्ञापित किया है। परिजनों का कहना कि अब सर्वेश स्वस्थ है और उनका जबड़ा दोबारा खुलने लगा है।

अस्पताल प्रबंधन कर रहा मॉनिटरिंग
मरीज के उपचार और उनकी सेहत की मॉनिटरिंग अस्पताल प्रबंधक वरुणा पूनम द्वारा की जा रही थी। वीडियो कॉल के माध्यम से लगातार सर्जन और सीएमएस स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे थे। स्वयं सीएमएस भी जिला अस्पातल में उपचार दे रहे वरिष्ठ चिकित्सकों से मरीज के उपचार से संवंधित जानकारी लेते रहे।

मैनपुरी जिला अस्पताल में चिकित्सीय सुविधाएं बेहतर हैं। सेप्टिक का मरीज पिछले दिनों जिला अस्पताल आया था। मेरे एवं अन्य चिकित्सकों के द्वारा उसको उपचार दिया गया, आज वह पूरी तरह से स्वस्थ है।
-डॉ. अरविंद कुमार गर्ग, सीएमएस, जिला अस्पताल, मैनपुरी

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