चंडीगढ तक मेट्रो का सपना अब जल्द होगा पूरा, प्रोजेक्ट में खर्च होंगे 24 हजार करोड़ !!
चंडीगढ -: मेट्रो प्रोजेक्ट की वित्तीय व्यावहारिकता को एक बार फिर से जांचने के निर्देश दिए हैं ट्राईसिटी मेट्रो प्रोजेक्ट की वित्तीय व्यावहारिकता की जांच के लिए गठित आठ सदस्यीय समिति ने मंगलवार को सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस में रिपोर्ट पेश की। बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका ने की। समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि ट्राईसिटी के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट व्यावहारिक है,
लेकिन संचालन के लिए यह लाभदायक बनने में एक दशक का समय लगेगा। समिति ने अपनी सिफारिशों को तैयार करने के लिए अहमदाबाद, कोच्चि, जयपुर और नोएडा मेट्रो सिस्टम का गहन अध्ययन किया। रिपोर्ट में बताया गया कि मेट्रो प्रोजेक्ट आमतौर पर 30 साल के संचालन के साथ योजना बनाई जाती है। चंडीगढ़ तक मेट्रो आने में 10 साल का समय लगेगा और इस प्रोजेक्ट में 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। 85 किलोमीटर तक ट्रैक बिछेगा। ट्राईसिटी मेट्रो प्रोजेक्ट की वित्तीय व्यावहारिकता की जांच के लिए गठित आठ सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मेट्रो प्रोजेक्ट व्यावहारिक है लेकिन संचालन के लिए इसमें दस साल का समय लग सकता है।
- पेश की रिपोर्ट, अगली बैठक 18 फरवरी को होगी
- यात्रियों की संख्या का अनुमान लगाने की पद्धति और गणना का विस्तृत विवरण करने के निर्देश
- समिति ने अहमदाबाद, कोच्चि, जयपुर और नोएडा मेट्रो सिस्टम का गहन अध्ययन किया
एक वर्ष से पंजाब मुल्लांपुर में मेट्रो के लिए 21 एकड़ जमीन पर कोई फैसला ही नहीं ले सका। केंद्रीय बिजली और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने में सबसे अधिक रुचि ले रहे थे, लेकिन केंद्रीय मंत्रालय में जाने के बाद मनोहर लाल की यूटी प्रशासन के साथ आठ नवंबर को हुई बैठक के बाद मेट्रो की जगह पोड टैक्सी जैसे विकल्पों का सुझाव दे डाला
ट्राईसिटी मेट्रो से जुड़ी जानकारी
- मेट्रो प्रोजेक्ट 2008-09 में प्रस्तावित किया गया।
- मेट्रो प्रोजेक्ट का खर्च 10500 करोड़ से बढ़कर करीब 22,000 करोड़ पहुंचा।
- ट्राईसिटी में दो फेज में 154.5 किलोमीटर ट्रैक प्रस्तावित है।
- फेज वन में 85.65 किलोमीटर मोहाली, पंचकूला और चंडीगढ़ में ट्रैक प्रस्तावित है।
- चंडीगढ़ में हेरिटेज स्टेटस के कारण 16.5 किलोमीटर अंडरग्राउंड ट्रैक बनना
- है।
- राइटस ने ट्राईसिटी में टू कोच मेट्रो को बेहतर विकल्प एएआर रिपोर्ट में बताया।
- राइट्स रिपोर्ट में 2032 में ट्राईसिटी में पहले फेज में मेट्रो का संचालन प्रस्तावित है।